महाराष्ट्र के नवी मुंबई में एक लड़के ने शक के कारण अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या कर दी और बाद में खुद भी ट्रेन से कूद कर मर गया। शुरू में पुलिस इसके तार नहीं जोड़ पाई, लेकिन जब छानबीन बढ़ी तो दोनों का कनेक्शन सामने आया। पुलिस को लड़के के फोन से एक नोट भी मिला जिसमें उसने लड़की की लाश किस पेड़ के पास है इस बारे में लिखा था।
पुलिस ने उस कोड को खोजा और एक माह बाद जाकर लड़की का शव गली अवस्था में जंगलों से मिला।
जानकारी के अनुसार, वैष्णवी डेटा साइंस की छात्रा और कलंबोली की रहने वाली थीं। दिसंबर में जब वह अचानक गायब हुईं तो उनकी माँ अरुणा ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 12 दिसंबर, 2023 को थाने में दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया था कि 12 दिसंबर की सुबह 10 बजे वो सायन में एसआईईएस कॉलेज के लिए निकली थीं, लेकिन घर वापस नहीं लौटी।
पुलिस ने बहुत कोशिश की लेकिन वैष्णवी का पता नहीं लग पाया। यही वजह रही कि ये केस 6 जनवरी,2024 को क्राइम ब्रॉन्च की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) के हवाले कर दिया गया था। इस बीच, नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त मिलिंद भारम्बे ने केस की जाँच के लिए एक विशेष टास्क फोर्स बनाई।
इसके बाद AHTU ने जाँच-पड़ताल शुरू की। सबसे पहले मृतक छात्रा वैष्णवी बाबर के मोबाइल की टावर लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज हासिल किया गया। इसमें पता चला कि बाबर और उसका 24 साल का ब्वॉयफ्रैंड वैभव बुरुंगले 12 दिसंबर को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक खारघर पहाड़ियों में थे।
जाँच के दौरान पुलिस को पता चला कि कलंबोली के रहने वाले वैभव बुरुंगले ने 12 दिसंबर को शाम 5 बजे सानपाड़ा के जुईनगर रेलवे स्टेशन में चलती लोकल ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या की थी। वाशी जीआरपी ने बुरुंगले की मौत के मामले में आकस्मिक मौत का केस दर्ज किया था।
आगे पड़ताल में पता चला कि दोनों में पाँच साल से रिश्ता था और मृतका के घरवाले दोनों के अलग जाति के होने से इस रिश्ते से खुश नहीं थे। इसी वजह से वो ब्वॉयफ्रैंड वैभव बुरुंगले से रिश्ता खत्म करना चाहती थी।
हालाँकि पुलिस को मिले बुरुंगले के खुदकुशी नोट में पता चला कि उसे वैष्णवी के दूसरे से डेटिंग का शक था। इसी वजह से उसने सामान पैक करने के लिए इस्तेमाल होने वाली सेल्फ-लॉकिंग नायलॉन केबल ज़िप से वैष्णवी का गला घोंट उसे मार डाला था।
एएचटीयू के सीनियर इंस्पेक्टर अतुल अहेर ने कहा, “बुरुंगले के फोन की जाँच करने पर, हमें एक नोट मिला था। इसमें कहा गया था कि उसने खारघर पहाड़ियों पर लड़की का गला घोंट दिया था और उसकी लाश को झाड़ियों में फेंक दिया था। उसने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि उसे उस पर किसी और के संग डेटिंग का शक था।”
उन्होंने आगे बताया कि बुरुंगले ने अपने खुदकुशी नोट में एक खास कोड L01-501 का भी जिक्र किया था। ये कोड खारघर पहाड़ियों पर वृक्षारोपण संपदा में से एक में एक विशिष्ट पेड़ पर वन विभाग ने दर्ज किया था।
सीनियर इंस्पेक्टर अहेर के मुताबिक, इस कोड L01-501 को डिकोड करने के लिए टीम ने 6 जनवरी से पहाड़ियों की खोज शुरू की। इस खास कोड के पेड़ को खोजने के लिए रोजाना सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच टीम खारघर पहाड़ियों के जंगलों में जाती थी।
अहेर ने आगे बताया कि यही नहीं टीम ने पहाड़ियों की झाड़ियों और घाटियों में इस कोड को खोजने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। आखिरकार, घटना के 34 दिनों बाद 16 जनवरी, 2024 को वैष्णवी बाबर की लाश खारघर तलहटी में ओवे कैंप के पास कोड नंबर L01-501 पेड़ के नीचे मिली।
उन्होंने बताया कि लाश की पहचान मृतका बाबर के माता-पिता ने उसके लापता होने वाले दिन पहनी पोशाक और उसके कॉलेज के आईडी कार्ड की डोरी और कलाई घड़ी से की। पुलिस ने बाबर की लाश की तलाश के लिए लोनावाला के स्वैच्छिक बचाव दल की मदद ली थी।
इसके साथ ही फायर ब्रिगेड, सिडको और वन विभाग का भी सहयोग लिया गया था। मृतका बाबर के परिवार में उसके स्कूल बस चालक पिता, गृहिणी माँ, दुबई में नौकरी करने वाली एक बड़ी बहन और एक 10 साल का छोटा भाई है। सीनियर इंस्पेक्टर अहेर के मुताबिक, बुरुंगले ने एचएससी तक पढ़ा था और छोटी-मोटी नौकरियाँ करता था। वह अपने माता-पिता और बड़े भाई के साथ रहता था।