वामपंथी प्रोपगेंडा वेबसाइट न्यूजक्लिक की फंडिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है। ED ने 9 अगस्त 2023 दिन बुधवार को न्यूजक्लिक के एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ की दिल्ली स्थित एक फ्लैट को जब्त कर लिया है। वहीं, प्रेस क्लब ऑफ ने न्यूजक्लिक पर एजेंसियों की कार्रवाई का विरोध किया है।
इससे पहले सितंबर 2021 में केंद्रीय एजेंसी ने पुरकायस्थ के परिसर पर छापेमारी की थी। ईडी की तलाशी अभियान दिल्ली एनसीआर में स्थित न्यूज़क्लिक स्टूडियो और उससे संबद्ध संस्थाओं के साथ-साथ इसके निदेशकों और शेयरधारकों के कार्यालयों तक फैला हुआ है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है।
ED की हालिया कदम न्यूजक्लिक समाचार पोर्टल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जाँच के हिस्से के रूप में आया है। एजेंसी इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है। कहा जा रहा है कि तलाशी के दौरान विदेशी मुद्रा, संभावित निहितार्थ वाले दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्य सहित महत्वपूर्ण निष्कर्ष मिले हैं।
The Press Club of India issues a statement condemning the targeting of Newsclick and journalists associated with it.
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) August 9, 2023
“The accusations leveled by senior political figures, including some MPs,
suggesting that the portal serves as a mouthpiece for a neighboring country are both… pic.twitter.com/asZJInlRxv
उधर, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर न्यूज़क्लिक और उससे जुड़े पत्रकारों को निशाना बनाए जाने की निंदा की है। प्रेस क्लब ने इसे पत्रकारों के खिलाफ टारगेटेड कैंपेन बताया है।
प्रेस क्लब ने अपने बयान में कहा, “हाल में सांसद सहित कुछ वरिष्ठ राजनेताओं द्वारा यह आरोप लगाया जाना कि न्यूजपोर्टल पड़ोसी देश माउथपीस के रूप में काम कर रहा है, चिंतनीय एवं निंदनीय है। अन्य मीडिया हाउस की तरह न्यूजक्लिक भी सरकार के कामकाज का गहन विश्लेषण करता है। इससे वह देशद्रोही या विदेशी का टूल नहीं हो जाता।”
प्रेस क्लब ने आगे कहा कि अगर न्यूजक्लिक पोर्टल की फंडिंग के स्रोत को लेकर जाँच हो रही है तो इसी तरह पारदर्शिता उन न्यूज पोर्टलों के लिए भी होनी चाहिए, जो सरकार समर्थक हैं और उसके कामों का समर्थन करती हैं। ऐसे सभी पोर्टल की फंडिंग की जाँच करके उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
बता दें कि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया सेलेक्टिव मामलों पर ही बोलता है और उनकी निंदा करता है। प्रबीर पुरकायस्थ के पहले प्रेस क्लब ने विवेक रघुवंशी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया था। विवेक पर जासूसी का आरोप है। वहीं, एक और पत्रकार राजीव शर्मा पर ही जासूसी और देशद्रोह के आरोप हैं।
प्रेस क्लब उन पत्रकारों के लिए कभी आवाज नहीं उठाता, जो माफियाओं एवं अपराधियों के शिकार बन जाते हैं, क्योंकि ये छोटे शहरों एवं कस्बों के पत्रकार होते हैं और ये प्रेस क्लब ऑफ इंडिया जैसे एलीट क्लास के नैरेटिव को सही नहीं लगते।