पश्चिम बंगाल में बम ब्लास्ट के आरोपितों को गिरफ्तार करने गई NIA की टीम पर हमला के बाद राज्य की पुलिस ने NIA अधिकारियों पर ही महिलाओं के शोषण का मामला दर्ज कर लिया है। इतना नहीं, पुलिस ने NIA के दो अधिकारियों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है और क्षतिग्रस्त वाहन भी लाने को कहा है। इसके बाद NIA ने कलकत्ता हाई कोर्ट पहुँचकर FIR रद्द करने की माँग की है।
दरअसल, NIA की टीम ने शनिवार (06 अप्रैल 2024) को पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में साल 2022 में हुए विस्फोट के मामले में आरोपितों को गिरफ्तार करने पहुँची थी। इस दौरान अधिकारियों पर ही हमला कर दिया और उसकी वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हालाँकि, टीम साजिशकर्ता मनोब्रत जना और बलाई चरण मेइती को गिरफ्तार कर लिया। इस विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
टीएमसी नेता मनोब्रत जना की पत्नी ने एनआईए अधिकारियों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज करा दी है। ये एफआईआर छेड़छाड़ और महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने के आरोपों में दर्ज कराई गई है। हालाँकि, NIA ने इन आरोपों का खंडन किया है। एनआईए ने कहा कि उसकी टीम ने कोई भी गैर-कानूनी काम नहीं किया। एनआईए की टीम बम धमाके की जाँच के लिए पहुँची थी।
इस FIR के आधार पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार (9 अप्रैल 2024) को छापेमारी के दौरान हमले में घायल होने वाले दो अधिकारियों को समन भेजा है। पुलिस ने 11 अप्रैल को भूपतिनगर थाने में पेश होने के लिए कहा है। इतना ही नहीं, भूपतिनगर पुलिस थाने के जाँच अधिकारी ने एनआईए से शनिवार को हुए कथित हमले के दौरान क्षतिग्रस्त वाहन को भी साथ लाने के लिए कहा है।
भूपतिनगर पुलिस स्टेशन के जाँच अधिकारियों ने एनआईए टीम पर हमले के मामले में तीन ग्रामीणों को भी समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। ग्रामीणों को अगले दो से तीन दिनों के भीतर पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया है।
राज्य सरकार की कार्रवाई को देखते हुए NIA कलकत्ता हाई कोर्ट पहुँच गई है। एजेंसी ने हाई कोर्ट के सिंगल बेंच जज जय सेनगुप्ता के समक्ष बताया कि राज्य पुलिस ने एजेंसी के उन अधिकारियों के खिलाफ ‘छेड़छाड़’ के लिए एफआईआर दर्ज की थी, जिन पर आरोपित के परिवार के सदस्यों के आदेश पर हमला किया गया था।
गौरतलब है कि बंगाल में केंद्रीय एजेंसी पर पहली बार हमला नहीं हुआ है। इसके पहले 5 जनवरी 2024 को संदेशखाली में TMC नेता शाहजहाँ शेख को गिरफ्तार करने गई ED की टीम पर भी हमला किया गया था। उसी हमले के बाद जनजातीय समाज की कई महिलाओं ने आगे आकर शाहजहाँ शेख व उसके गुर्गों पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।