Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाजबेंगलुरु दंगा मामले में NIA ने 30 जगहों पर की छापेमारी: मुख्य साजिशकर्ता सादिक...

बेंगलुरु दंगा मामले में NIA ने 30 जगहों पर की छापेमारी: मुख्य साजिशकर्ता सादिक अली गिरफ्तार, आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त

NIA ने 30 जगहों पर मारी गई छापेमारी में तलाशी के दौरान एयरगन, छर्रों, तेज हथियार और लोहे की छड़ों को बरामद किया है। छापों में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े कुछ डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।

बेंगलुरु हिंसा मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने दंगे के मुख्य साजिशकर्ता सयैद सादिक़ अली को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें पिछले महीने डीजे हल्ली और केजी हल्ली क्षेत्रों में हुई हिंसा के संबंध में NIA ने बेंगलुरु के 30 स्थानों पर छापेमारी की थी।

NIA ने 44 वर्षीय सादिक अली के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, जानलेवा दंगा भड़काने के बाद सब ही सादिक पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। लगातार एजेंसी और स्थानीय पुलिस द्वारा उसकी खोजबीन जारी थी। 30 जगहों पर मारी गई छापेमारी को लेकर एनआईए ने बताया, तलाशी के दौरान एयरगन, छर्रों, तेज हथियार और लोहे की छड़ों को बरामद किया गया है। यह भी कहा कि छापों में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े कुछ डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।

गौरतलब है कि इससे पहले NIA ने अपने बयान में कहा था, “SDPI के राज्य सचिव मुजम्मिल पाशा ने पहले एक मीटिंग बुलाई थी और इसमें उसने PFI/SDPI के सदस्यों को भीड़ को भड़काने और हिंसा के लिए उकसाने का निर्देश दिया था। इसके बाद उग्र भीड़ ने बेंगलुरु शहर के अंतर्गत आने वाले डीजे हल्ली, केजी हल्ली और पुलकेशी नगर इलाकों में दंगा भड़काया।”

NIA ने आगे मामले में यह भी कहा, कॉन्ग्रेस विधायक अखण्ड श्रीनिवास मूर्ति के कावेल बारासंडा में 11 अगस्त को उनके भतीजे नवीन द्वारा फेसबुक पर अपलोड किए गए कथित अपमानजनक पोस्ट के बाद 1000 से अधिक लोग वहाँ पर हो गए थे। नवीन के फेसबुक पोस्ट ने कथित तौर पर ‘मजहब विशेष की धार्मिक भावनाओं का अपमान’ किया था।

वहीं पिछले दिनों यह रिपोर्ट भी सामने आई थी कि बेंगलुरु में हुए दंगे पूर्व नियोजित थे, जिसमें जानबूझकर कर हिंदुओं और उनके घरों और वाहनों को निशाना बनाया गया था। दंगों में सुरक्षित बचे लोगों में से एक का दावा था कि उन्हें उर्दू में चेतावनी देते हुए कहा गया था कि वे अपने घरों के अंदर चले जाएँ वरना वे मारे जाएँगे। दंगों के दौरान, खास मजहब की किसी भी कार जिसमें चाँद या HKGN (हज़रत ख्वाजा ग़रीब नवाज़) का प्रतीक लगा था, उसपर हमला नहीं किया गया। हमला करने से पहले दंगाइयों ने सड़क पर खड़ी कारों के कवर तक को उठाकर यह पता लगाने की कोशिश की थी कि कार किसकी थी।

उन्होंने कहा, “दंगाइयों ने खासकर उस जगह हमला किया था जहाँ सीसीटीवी नहीं लगे थे। इसका साफतौर यह मतलब हुआ कि दंगों में स्थानीय लोग शामिल थे, जिन्हें पहले से पता था कि सीसीटीवी कहाँ-कहाँ लगे है। दंगाइयों ने पहले से यह सुनिश्चित किया था कि केवल दूसरे धर्म वालों को ही निशाना बनाना है। मजहब विशेष की गाड़ियों को छोड़कर,दूसरे धर्म से संबंधित सभी वाहनों पर हमला किया गया और क्षतिग्रस्त किया गया था।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -