‘द बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (BCD)’ ने एक वकील का लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। आरोप है कि उसने अपने आधिकारिक चैंबर का इस्तेमाल निकाह (इस्लामी शादी) और धर्मांतरण कराने के लिए किया है। BCD के सचिव ने सोमवार (जुलाई 5, 2021) को ये जानकारी दी है। साथ ही उक्त वकील को ‘कारण बताओ नोटिस’ भी जारी किया गया है। उक्त वकील का नाम इक़बाल मलिक है।
दिल्ली के प्रतापगंज के रहने वाले वकील इक़बाल मलिक को कड़कड़डूमा कोर्ट में चैंबर की सुविधा दी गई थी। नोटिस में लिखा है कि उन्होंने अपने इस कक्ष का इस्तेमाल अवैध और समाज विरोधी गतिविधियों के लिए किया है। पीड़िता के पिता ने इस सम्बन्ध में शिकायत भी दर्ज कराई है। साथ ही निकाहनामा पर उक्त वकील के कक्ष का पता ‘मज़ार वाली मस्जिद’ लिखा है। नोटिस में कहा गया है कि ये इस शिकायत को और गंभीर बनाता है।
उक्त वकील धर्मांतरण कराने वाला एक ट्रस्ट भी चलाता है, ऐसा BCD ने पाया है। इसका संचालन भी उसी चैंबर से किया जाता था। निकाह कराने वाले काजी का नाम मोहम्मद अकबर देहलवी है। पीड़िता के पिता का कहना है कि उनकी बेटी का धर्मांतरण करा के जबरन निकाह करा दिया गया। ‘अल-निकाह ट्रस्ट’ ने इस शादी का प्रमाण-पत्र जारी किया। BCD ने कहा है कि ऐसा कर के वकील ने कानूनी प्रोफेशन की गरिमा को ठेस पहुँचाया है।
‘बार काउंसिल ऑफ दिल्ली’ ने कहा कि कोर्ट परिसर का इस्तेमाल इस तरह की किसी भी गतिविधि के लिए करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। परिषद के अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने इसे एक असामान्य घटना मानते हुए इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने तीन वकीलों की एक अनुशासन समिति बनाई है, जो इस मामले की जाँच करेगी। इसमें BCD के उपाध्यक्ष हिमल अख्तर, पूर्व अध्यक्ष केसी मित्तल और पूर्व सचिव आजयिंदर सांगवान शामिल हैं।
The Bar Council of Delhi has suspended the license of a lawyer, Mr. Iqbal Malik, for using his chamber in Karkardooma District Court for performing Nikaah and running a conversion racket. pic.twitter.com/KWKgtbuZ3W
— Shubhendu (@BBTheorist) July 5, 2021
जब तक अनुशासन समिति जाँच के बाद अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुँच जाती, तब तक उक्त वकील का लाइसेंस निलंबित रहेगा और वो कोर्ट में प्रैक्टिस नहीं कर पाएगा। इसके लिए BCD के अध्यक्ष ने परिषद के कानून से मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया है। साथ ही नोटिस मिलने के 7 दिनों के भीतर इक़बाल मलिक को अपनी प्रतिक्रिया जाँच समिति को देने को कहा गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही कड़कड़डूमा कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज (इंचार्ज) से निवेदन किया गया है कि वो इस वकील को मिला चैंबर वापस लें और उसे जाँच ख़त्म होने तक सील कर दें। BCD अध्यक्ष ने कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, और दिल्ली पुलिस से भी जाँच में सहयोग के लिए निवेदन किया है। चैंबर को सील कर के अवैध गतिविधियों पर तुरंत लगाम लगाई जाएगी। कमिटी को 3 महीन के भीतर जाँच पूरी करने को कहा गया है।