फरीदाबाद के सनसनीखेज निकिता तोमर हत्याकांड के मुख्य आरोपित तौसीफ ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में घटना की दोबारा जाँच की माँग करते हुए खुद को निर्दोष बताया है। आरोपित ने दावा किया है कि निकिता के परिजनों ने अपने अपराध को छिपाने के लिए, उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई है। यह मामला लव जिहाद का नहीं, बल्कि ऑनर किलिंग का है। हाईकोर्ट ने याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
तौसीफ की ओर से पेश वकील महक साहनी ने दावा किया है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। लव जिहाद के नाम पर उसे गलत तरीके से फँसाया जा रहा है। वकील ने दावा किया कि जिस व्यक्ति ने तोमर को गोली मारी थी, उसका मुँह पूरी तरह से ढका हुआ था और नंबर प्लेट तो कोई भी बदल सकता है। केवल एक वीडियो के आधार पर पुलिस ने जल्दबाजी दिखाते हुए बिना किसी सबूत के उसको गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में अग्रवाल कॉलेज के बाहर 21 वर्षीय छात्रा निकिता तोमर की दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। दरअसल, आरोपित तौसीफ (Tauseef) ने निकिता को गाड़ी में खींचने की कोशिश की लेकिन जब वो असफल रहा तो उसने उसे गोली मार दी थी। वहीं वीडियो में अन्य आरोपित मोहम्मद रिहान द्वारा तौसीफ को कार में वापस खींचते देखा जा सकता है। यह पूरी घटना CCTV में भी कैद हो गई थी, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
CCTV footage shows a girl named Nikita Tomar being shot dead by an assailant (Taufeeq) outside her college in Ballabgarh, Faridabad. Shooter and associate flees in car. Police have arrested Taufeeq. pic.twitter.com/idOPIDZfDo
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) October 27, 2020
बता दें, मृतका निकिता ने घटना के एक माह पहले ही आरोपित तौसीफ के खिलाफ छेड़खानी और उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की थी। हालाँकि, बाद में परिवार ने मामला वापस ले लिया था। इसके बाद उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि तौसीफ ने उसे फिर से परेशान करना शुरू कर दिया और उस पर इस्लाम अपनाने का दबाव डालने लगा था।
निकिता के परिजनों ने बताया था कि तौसीफ 12वीं क्लास तक निकिता के साथ ही पढ़ता था। उसने कई बार दोस्ती के लिए दबाव भी बनाया था और वो उसका धर्मांतरण भी करना चाहता था। दोस्ती और जबरन निकाह से इनकार किए जाने के कारण तौसीफ ने वर्ष 2018 में एक बार निकिता का अपहरण भी कर लिया था। हालाँकि, तब बदनामी के डर से परिजनों ने किसी तरह समझौता कर लिया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपित तौसीफ कॉन्ग्रेस नेता कबीर अहमद का पोता है, जो 1975 में हरियाणा के नूंह विधानसभा क्षेत्र और 1982 में टाउरू निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। वे लगभग 20 वर्षों तक खानपुर और रायसिका के सरपंच भी थे। खानपुर और रायसिका हरियाणा के मेवात जिले की नूंह तहसील में स्थित हैं।
इसके अलावा तौसीफ के चाचा खुर्शीद अहमद हरियाणा के कॉन्ग्रेस सांसद और हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री थे। खुर्शीद अहमद के बेटे और तौसीफ के चचेरे भाई आफताब अहमद कॉन्ग्रेस पार्टी के टिकट पर नूंह, मेवात से विधायक चुने गए थे और मंत्री भी रह चुके हैं।