Saturday, April 20, 2024
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निर्भया गैंगरेप: 27 दिन में तीसरी बार डेथ वारंट, 3 मार्च की सुबह 6 बजे लटकाए जाएँगे 4 दरिंदे

"मैं ज्यादा खुश नहीं हूँ, क्योंकि यह तीसरी बार है जब डेथ वारंट जारी हुआ है। हमने काफी संघर्ष किया है इसलिए इस बात से संतुष्ट हूँ कि आखिरकार डेथ वारंट जारी किया गया। मुझे उम्मीद है कि 3 मार्च को फाँसी हो जाएगी।"

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषियों के खिलाफ कोर्ट ने आज तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया। पटियाला हाउस कोर्ट ने इस दौरान दोषियों को फाँसी दिए जाने का दिन और समय मुकर्रर करते हुए अपना फैसला सुनाया। एडिशनल सेशन जज ने 3 मार्च को सुबह 6 बजे फाँसी देने का आदेश दिया। इसे सुनने के बाद निर्भया की माँ ने कहा कि न्याय में देर होता है, अंधेर नही।

निर्भया की माँ ने कहा, “मैं ज्यादा खुश नहीं हूँ, क्योंकि यह तीसरी बार है जब डेथ वारंट जारी हुआ है। हमने काफी संघर्ष किया है इसलिए इस बात से संतुष्ट हूँ कि आखिरकार डेथ वारंट जारी किया गया। मुझे उम्मीद है कि 3 मार्च को फाँसी हो जाएगी।”

उन्होंने सुनवाई के दौरान अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “मामले को 7 साल हो चुके हैं। मैं भी इंसान हूँ, मेरे अधिकारों का क्या होगा? मैं आपके सामने हाथ जोड़ती हूँ, कृपया डेथ वारंट जारी कर दीजिए।”

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल अधीक्षक और निर्भया के माता-पिता की याचिका पर करीब एक घंटे तक चली सुनवाई के बाद नया डेथ वारंट जारी किया। यह तीसरा डेथ वारंट है। इससे पहले 22 जनवरी को और फिर एक फरवरी को फॉंसी के लिए डेथ वारंट जारी हो चुके हैं।

इससे पहले दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि अभी कानूनी विकल्प बाकी हैं और इनका इस्तेमाल न किए जाने को इंसाफ देने में नाकामी कहा जाएगा। उन्होंने बताया कि दोषी पवन क्यूरेटिव पिटीशन और मर्सी पिटीशन लगाना चाहता है और दुष्कर्मी अक्षय भी गुनाह के वक्त अपने नाबालिग होने को लेकर नई याचिका दाखिल करना चाहता है। दोषियों के वकील के मुताबिक वह अक्षय के लिए नई दया याचिका लगाएँगें। पवन के पास भी क्यूरेटिव पिटिशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया था कि निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों को अलग-अलग फाँसी दिए जाने की माँग करने वाली केंद्र की याचिका का लंबित रहना दोषियों को फाँसी के लिए निचली अदालत द्वारा नई तारीख जारी करने की राह में आड़े नहीं आएगा।

आज यानी सोमवार को इस सुनवाई के दौरान कोर्ट में ये भी जानकारी दी गई कि गुनहगार विनय शर्मा तिहाड़ में भूख हड़ताल कर रहा है। जबकि दोषी मुकेश सिंह ने कोर्ट से कहा कि वह नहीं चाहता कि वृंदा ग्रोवर उसकी तरफ से पैरवी करें। इसके बाद कोर्ट ने उसके लिए वकील रवि काजी को नियुक्त किया। विनय के वकील ने कोर्ट से कहा कि मेरा मुवक्किल मानसिक रूप से काफी बीमार है, लिहाजा उसे इस वक्त फाँसी नहीं दी जा सकती।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 14 फरवरी को दोषी पवन ने अदालत से कहा था कि उसने अपने पुराने वकील को हटा दिया है और नए वकील के लिए उसे वक्त की जरूरत है। इसके बाद अदालत ने उसके अधिकारों की बात कहते हुए नया वकील नियुक्त किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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