कुछ सप्ताह पहले मीडिया में जम कर ये खबर चली थी कि अब देश में कोयले का भंडार काफी कम बचा है और इसीलिए बिजली संकट का सामना भी करना पड़ सकता है। हालाँकि, भारत को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ा और बाद में पता चला कि कोयले की कमी वाली खबर सही नहीं थी। भारत सरकार ने भी कई बार साफ़ किया कि कोयले की कोई कमी नहीं है और आपात स्थिति के लिए भी कोयला रखा हुआ है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसमें राजनीति करने कूद पड़े थे।
अब एक RTI से खुलासा हुआ है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं थी। ‘हिन्दू आईटी सेल’ के संस्थापक अक्षित सिंह ने इस सम्बन्ध में सूचना के अधिकार के तहत RTI दायर की थी, जिसका अब जवाब आया है। इस RTI में अक्षित सिंह ने पूछा था कि क्या देश में कोयले की कोई कमी है क्या? इसके जवाब में ‘कॉल इंडिया लिमिटेड’ ने कहा है कि न तो CIL और न ही पॉवर सेक्टर में कोयले की कोई कमी थी। CIL ने स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बावजूद इसकी सप्लाई पूरी हो, इसके लिए कई प्रयास किए गए।
बताया गया है कि CIL ने पिछले साल अप्रैल महीने से अक्टूबर महीने तक के मुकाबले इस साल इसी अवधि में 2021 में CIL ने इस साल 5.4 करोड़ टन ज्यादा कोयले की सप्लाई की है। इसका अर्थ है कि CIL ने 29.172 करोड़ रुपए का कोयला इस अवधि में सप्लाई किया। पिछले साल अप्रैल से लेकर अक्टूबर 2020 तक CIL ने 23.775 टन कोयले की सप्लाई की थी। यानी, इस बार 23% ज्यादा कोयले की सप्लाई हुई। अप्रैल 2019 से लेकर अक्टूबर 2019 तक की अवधि से इस साल की इस अवधि की तुलना करें तो अब भी CIL ने 15% ज्यादा कोयला सप्लाई किया।
RTI में बताए गए आँकड़ों के अनुसार, इस अवधि में ‘कोल इंडिया लिमिटेड’ ने 25.376 करोड़ टन कोयले की सप्लाई की। ये भी ध्यान देने वाली बात है कि 2019 में तब कोरोना संक्रमण नहीं था। इस साल की बात करें तो 22 नवंबर, 2021 को CIL के पास 3.2 करोड़ टन कोयले का स्टॉक रखा हुआ है। बताया गया है कि अगले कुछ दिनों में कोयले के उत्पादन में बढ़ोतरी भी होने वाली है, ऐसे में आगे जाकर ये स्टॉक और बढ़ेगा। कोयले की कोई कमी नहीं होगी।
दूसरा सवाल ये पूछा गया था कि मीडिया में चल रही झूठी ख़बरों के विरुद्ध एजेंसियों ने क्या कदम उठाए हैं। इस सम्बन्ध में बताया गया कि कोलकाता स्थित CIL के मार्केटिंग विभाग के पास इस सम्बन्ध में कोई सूचना नहीं है। तीसरा सवाल ये पूछा गया कि देश में फ़िलहाल कोयले का कितना स्टॉक है और अगर कोई कमी होती है तो इसे निपटने के लिए कौन से आपात कदम उठाए जा सकते हैं। उससे निपटने के लिए क्या तैयारी है, इस सवाल में ये पूछा गया था।
इसके जवाब में 22 नवंबर, 2021 को जारी की गई ‘सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी’ की एक रिपोर्ट का जिक्र किया गया, जिसमें जानकारी दी गई है कि पॉवर प्लांट्स के पास फ़िलहाल 1.62 करोड़ टन कोयला मौजूद है। साथ ही नवंबर 2021 में प्रतिदिन 2.5 लाख टन के हिसाब से कोयले का स्टॉक बढ़ता ही जा रहा है। वहीं CIL के पास मौजूदा अवधि में 3.246 करोड़ टन कोयले का स्टॉक मौजूद है। आश्वस्त किया गया है कि अगले कुछ दिनों में कोयले का उत्पादन बढ़ेगा और इस स्टॉक में भी बढ़ोतरी होगी।
OPPOSITION parties tried to spread false narrative about shortage of coal in the country 1 month ago.
— Akshit Singh 🇮🇳™ (@IndianSinghh) November 30, 2021
I filed the RTI in the coal ministry to know the truth & reply is here.
We have adequate stock with us and there is no shortage.
Will these people apologize to entire country ? pic.twitter.com/idtMA96t2L
अक्षित सिंह ने इस RTI को 26 अक्टूबर, 2021 को दायर किया था। वहीं इसके एक महीने और एक सप्ताह बाद, अर्थात 29 नवंबर, 2021 को ‘कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)’ ने इस RTI का जवाब दिया। अक्टूबर 2021 में बताया जा रहा था कि चीन में बिजली संकट का कारण है कोयले की काई ज्यादा खपत और बिजली के दाम कम होना। साथ ही भारत में भी मीडिया द्वारा इस तरह की आशंका जताई जा रही थी और कहा गया था कि यहाँ भी पॉवर प्लांट्स कोयले की कमी से जूझ रहे हैं। ‘सेन्ट्रल एलेक्ट्रीसिटी अथॉरिटी’ के आँकड़ों के हवाले से बताया गया था कि पॉवर प्लांट्स के पास औसतन 4 दिनों की ही बिजली के लायक कोयला स्टोर में रखा जा रहा है।
दिल्ली में कोयला ‘संकट’ की बातें चलीं तो केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर सारा ठीकरा फोड़ने के लिए खुद को तैयार कर लिया। एक तरफ अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री से पूरे मसले पर हस्तक्षेप को बोल रहे थे, दूसरी ओर उन्हीं के पार्टी के नेता व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आरोप लगा रहे थे कि केंद्र सरकार इस संकट को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है। इससे पहले दिल्ली के विद्युत मंत्री सत्येंद्र जैन ने चेतावनी दी थी कि अगर राष्ट्रीय राजधानी को जल्द से जल्द कोयले की सप्लाई नहीं पहुँचती है तो पूरा ‘ब्लैकाउट’ हो सकता है।
अक्टूबर 2021 में ही देश के विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी और उसको ले कर आने वाले ऊर्जा संकट की वायरल होती खबरों को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आधारहीन बताते हुए कहा था कि कोयले का स्टॉक पर्याप्त है और विद्युत सप्लाई में कोई कमी नहीं आएगी। भ्रामक खबरों के खंडन के रूप में कोयला मंत्रालय ने आश्वासन दिया था कि देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है जो बिजली संयंत्रों की मांग पूरी करने के लिए काफी है।