चीन के वुहान से कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ। आज पूरी दुनिया इस महामारी से जूझ रही है। भारत भी इनमें शामिल है। संक्रमण से निपटने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी सोशल मीडिया पर लोगों को भ्रमित करने वाले मैसेज भेज रहे हैं। पुलिस-प्रशासन और डॉक्टरों के काम में परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इसे बहुसंख्यकों के कथित अत्याचार के खिलाफ अल्लाह का अजाब बता रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब यह काफिरों पर कहर है, तो मुस्लिम मुल्क में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार क्यों बढ़ती जा रही है।
इसी तरह कथित मुस्लिम हितैषी मीडिया पर निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज के बहाने इस्लाम को बदनाम करने का भी आरोप लगा रहे हैं। लेकिन हकीकत यही है कि देश में अब तक संक्रमण के जो मामले सामने आए हैं उनमें से करीब एक तिहाई जमात से जुड़े हैं। जमात के कट्टरपंथ ने न केवल भारत बल्कि अन्य मुल्कों को भी संकट में डाल रखा है। डॉन के मुताबिक पिछले महीने पाकिस्तान में तबलीगी जमात के एक मजहबी कार्यक्रम में 1200 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था। इनमें 500 विदेशी थे।
पाकिस्तान में करीब पॉंच दिनों तक चले जमात के कार्यक्रम के बाद जब इन लोगों को जाँच और क्वारंटाइन के लिए भेजा गया तो पुलिस पर चाकुओं से हमला कर इनलोगों ने भागने की कोशिश की है। इसमें एक एसएचओ घायल भी हो गया था। पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत में अब तक इससे जुड़े करीब 63 मामले पॉजीटिव पाए गए हैं। पाकिस्तान में 1 अप्रैल तक कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2291 थी। 31 लोगों की इससे मौत हो चुकी थी।
अब एक नजर विश्व के बड़े मुस्लिम मुल्कों में संक्रमण पर डालें। ईरान कोरोना वायरस संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित मुल्कों में है। ईरान में कोरोना से मरने वालों की संख्या बुधवार को 3036 हो चुकी थी। संक्रमित लोगों की संख्या 47,593 थी। इराक में कोरोना की वजह से कई प्रांतों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है। संक्रमण को रोकने के लिए उड़ानों की संख्या सीमित कर दी गई है। इराक में 728 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि अब तक 52 की मौत हुई है। तुर्की में 1569 संक्रमित हैं। 277 की अब तक मौत हुई है। कतर में दो लोगों की जा जा चुकी है जबकि 835 लोग संक्रमित हैं। कुवैत में संक्रमित लोगों की संख्या 317 है। यहॉं अभी कोई मौत नहीं हुई है।
इसी तरह अफगानिस्तान में 239 संक्रमित हैं। 4 की जान गई है। बांग्लादेश में छह की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 56 हो गई है। ये सभी आँकड़े WHO की वेबसाइट से लिए गए हैं। एक अप्रैल तक के इन आँकड़ों से जाहिर है कि इस महामारी से कोई खास समुदाय या देश ही प्रभावित नहीं हैं। लेकिन, कट्टरपंथियों को भला कौन समझाए!