Thursday, November 14, 2024
Homeदेश-समाजकाशी कॉरिडोर का कमाल, बाबा विश्वनाथ के दर्शन को इस सावन मात्र 13 दिनों...

काशी कॉरिडोर का कमाल, बाबा विश्वनाथ के दर्शन को इस सावन मात्र 13 दिनों में पहुँचे 27 लाख श्रद्धालु: भक्तों से अर्थव्यवस्था ने भी पकड़ी रफ़्तार

ललिता घाट और विश्वनाथ मंदिर परिसर के बीच वाले कॉरिडोर के हिस्से को ‘मंदिर चौक’ का नाम दिया गया है। यह कॉरिडोर 5.2 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है। इसमें 33,075 वर्ग फीट में काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर है। इस कॉरिडोर में एक साथ 02 लाख लोग जमा हो सकते हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद बनारस की भव्यता बढ़ गई है। इस वर्ष सावन के महीने में बाबा भोलेनाथ का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

सावन महीने के 13 दिनों में बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आ चुके हैं। सावन के पहले सोमवार को 5 लाख से ज्यादा भक्त आए, वहीं, दूसरे सोमवार को 6 लाख से ज्यादा लोगों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया था।

दैनिक भास्कर के अनुसार, आजकल सामान्य दिनों में भी औसतन डेढ़ से 3 लाख श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए बाबा विश्वनाथ के दरबार में आ रहे हैं। मंदिर प्रशासन का कहना है कि सावन में आज तक इतने श्रद्धालु कभी नहीं आए। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के CEO सुनील वर्मा के अनुसार, “काशी के अधिपति के नव-भव्य धाम को अब हर कोई देखना चाहता है। 50,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से ज्यादा वाले विश्वनाथ धाम में इस बार दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को धक्का-मुक्की भी नहीं करनी पड़ रही है।”

वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में हर तरह की व्यवस्था की गई है। गर्मी से बचाने के लिए कूलर-पंखे लगाए गए हैं। उन्हें से धूप से बचाने के लिए व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही पीने का पानी और साफ-सफाई का विशेष प्रबंध किया गया है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की मदद के लिए वॉलेंटियर्स भी तैनात किए गए हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को 13 दिसंबर 2021 को समर्पित किया था। इस दौरान देश की विभिन्न नदियों से लाए गए जल को गंगाजल में मिलाकर लगभग 20 मिनट तक विधि-विधान से पूजा की गई थी।

काशी कॉरिडोर के विकास के लिए मंदिर के आसपास के मकानों-दुकानों का अधिग्रहण किया था और इस इलाके को नई तरीके से विकसित कर भव्यता प्रदान की थी। जीवनदायिनी गंगा तट के ‘ललिता घाट’ से जल लेकर विश्वनाथ मंदिर तक सीधा प्रवेश मार्ग है।

ललिता घाट और विश्वनाथ मंदिर परिसर के बीच वाले कॉरिडोर के हिस्से को ‘मंदिर चौक’ का नाम दिया गया है। यह कॉरिडोर 5.2 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है। इसमें 33,075 वर्ग फीट में काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर है। इस कॉरिडोर में एक साथ 02 लाख लोग जमा हो सकते हैं। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कश्मीर को बनाया विवाद का मुद्दा, पाकिस्तान से PoK भी नहीं लेना चाहते थे नेहरू: अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा, अब 370 की वापसी चाहता...

प्रधानमंत्री नेहरू पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर सौंपने को तैयार थे, यह खुलासा अमेरिकी दस्तावेज से हुआ है।

‘छिछोरे’ कन्हैया कुमार की ढाल बनी कॉन्ग्रेस, कहा- उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया: चुनावी सभा में देवेंद्र फडणवीस की पत्नी को लेकर की...

कन्हैया ने फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा, "हम धर्म बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और डेप्युटी सीएम की पत्नी इंस्टाग्राम पर रील बना रही हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -