Friday, July 11, 2025
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काशी कॉरिडोर देश को समर्पित करेंगे PM मोदी: हिंदुओ यह 13 दिसंबर तुम्हारे गौरव की पुर्नस्थापना का दिन है

आज के कार्यक्रम के लिए 28 से 30 लाख लड्डू करीब 8 लाख परिवारों में बँटवाने के लिए बनवाए गए हैं। इनके वितरण के साथ एक बुकलेट भी सब घरों में दी जाएगी ताकि सबको काशी का महत्व समझ आ सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (13 दिसंबर 2021) को श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Shri Kashi Vishwanath Corridor) देश को समर्पित करेंगे। इस दौरान देश की विभिन्न नदियों से लाए गए जल को गंगाजल में मिलाकर लगभग 20 मिनट तक विधि-विधान से पूजा की जाएगी। बाद में विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होगा। पीएम कालभैरव का दर्शन करने के बाद गंगा जलमार्ग से विश्वनाथ धाम पहुँचेंगे। वहाँ वह करीब 2500 संतों-महंतों, धर्माचार्यों को संबोधित करेंगे। साथ ही सभी मंदिरों का भ्रमण कर भवनों का निरीक्षण करेंगे।

स्वंय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य काशी की तस्वीरें अपने ट्विटर पर शेयर की हैं। उन्होंने 13 दिसंबर को ऐतिहासिक दिन बताया और सभी से आग्रह किया कि वो कार्यक्रम से जुड़ें। इस कार्यक्रम के आमंत्रण में मुगलों द्वारा किए गए विध्वंस का भी जिक्र है। बताया गया है कि कैसे मध्यकाल में मुगल आक्रान्ताओं ने पावन स्थल को भारी क्षति पहुँचाई थी। बाद में 1777-78 ई0 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इस मंदिर परिसर का पुनर्निमाण कराया था एंव कालांतर में 19वीं सदी में महाराज रणजीत सिंह ने इस मंदिर पर स्वर्ण शिखर लगवाया था।

आमंत्रण पत्र

आज इस कॉरिडोर को लेकर जहाँ समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश सिंह दावा करते हैं कि ये प्रोजेक्ट उनकी सरकार में अप्रूव हुआ था, वहीं धाम में आए परिवर्तनों पर स्थानीय लोग ऑपइंडिया से बातचीत में कहते हैं कि जो काम पिछले 70 साल में नहीं हुआ था, उसे मोदी सरकार ने पिछले 7 साल में संभव कर दिखाया है। इस समय पूरे काशी में उत्सव का माहौल है। हर जगह जगमगा रही है।

बता दें कि प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को इस कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी और आज ये विश्वनाथ कॉरिडोर 5.2 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है। इसमें 33,075 वर्ग फीट में काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर है। इस कॉरिडोर में एक साथ 02 लाख लोग जमा हो सकते हैं।

निर्माण में मकराना, चुनार के लाल बलुआ पत्थर समेत 7 विशेष पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। विश्राम गृह, संग्रहालय, सुरक्षा कक्ष और पुस्तकालय भी कॉरिडोर का हिस्सा हैं। पूरे कॉरिडोर में वृक्षारोपण के लिए जगह बनाई गई है। इनमें परिजात, रुद्राक्ष, अशोक, बेल इत्यादि पेड़ लगेंगे ताकि पूरा परिसर हरा-भरा रहे।

जानकारी के मुताबिक, आज के कार्यक्रम के लिए 28 से 30 लाख लड्डू करीब 8 लाख परिवारों में बँटवाने के लिए बनवाए गए हैं। इनके वितरण के साथ एक बुकलेट भी सब घरों में दी जाएगी ताकि सबको काशी का महत्व समझ आ सके। मालूम हो कि इस कॉरिडोर के निर्माण के पहले चरण में लगभग 339 करोड़ रुपए की लागत आई। यहाँ 2000 मजदूरों ने रोज किया। इस कॉरिडोर को बनाने के लिए 400 इमारतों का अधिग्रहण किया गया और 2 साल 9 महीनों में इस ड्रीम प्रोजेक्ट को तैयार किया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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