Friday, November 15, 2024
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नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम राहत, पैगंबर मामले में किसी भी कड़ी कार्रवाई पर रोक: 10 अगस्त को अगली सुनवाई

वकील ने बार-बार कहा कि एक ही आरोप के लिए कई FIR दर्ज कर लिए गए हैं, ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी राहत प्रदान किया है।

नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दोबारा याचिका डाल कर अपने खिलाफ दर्ज सभी FIR को किसी एक जगह हस्तानांतरित करने और गिरफ़्तारी से अंतरिम राहत की गुहार लगाई है। एक बार फिर से जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस पर सुनवाई की। नूपुर शर्मा ने याचिका में कहा कि जजों की टिप्पणी के बाद उन्हें और उनके परिवार को लगातार बलात्कार और हत्या की धमकियाँ मिल रही हैं। पिछली बार इन दोनों जजों ने उन पर तल्ख़ टिप्पणी की थी।

नूपुर शर्मा के वकील मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कैसे पाकिस्तान से कुछ लोगों द्वारा नूपुर शर्मा की हत्या की साजिश रचने की खबर आई है और पटना में पकड़ाए आतंकियों के भी उनकी हत्या की साजिश रचने की बात पता चली है। इस पर जस्टिस सूर्यकान्त ने कहा कि एक मिश्रित तरह का एप्लीकेशन दायर करने के बाद वो इन घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 3-4 अन्य FIR भी दर्ज कर लिए गए हैं।

जस्टिस सूर्यकान्त ने इस पर जोर दिया कि वो कम से कम किसी एक जगह, दिल्ली हाईकोर्ट तो जा सकती हैं, अगर जीवन पर खतरे को लेकर अलग-अलग जगह की यात्रा में सक्षम नहीं हैं तो? वकील ने बार-बार कहा कि एक ही आरोप के लिए कई FIR दर्ज कर लिए गए हैं, ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी राहत प्रदान किया है। सुप्रीम कोर्ट को दी गई दलील में नूपुर शर्मा की तरफ से बताया गया कि जान पर खतरा होने के कारण वो अन्य विकल्पों का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं हो पा रही हैं और सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद-21 का संरक्षक है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “अनुच्छेद-21 के तहत ये समय की आवश्यकता है कि हम उनके जीवन और लिबर्टी की रक्षा करें।” नूपुर शर्मा ने अजमेर शरीफ दरगाह का खादिम सलमान चिश्ती द्वारा नूपुर शर्मा की हत्या की घोषणा करते हुए वीडियो जारी करने वाली घटना का भी जिक्र किया। कोलकाता पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि पहली प्राथमिकता ये है कि नूपुर शर्मा को वैकल्पिक व्यवस्थाओं तक पहुँच सुनिश्चित की जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही रेस्पोंडेंट्स को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। साथ ही अगली सुनवाई के लिए 10 अगस्त, 2022 की तारीख़ तय की। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक नूपुर शर्मा के विरुद्ध दर्ज सारे FIR के मामले में कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए। इसके साथ ही नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान किया। अगली सुनवाई में मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी ट्रांसफर किया जा सकता है।

इसके बाद 1 जुलाई, 2022 को उन्होंने अपनी इस याचिका को वापस ले लिया था। वैकेशन बेंच ने उनके बयान को पूरे देश में आग लगाने के लिए जिम्मेदार बताते हुए उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था, जिसे न्यायिक विशेषज्ञों ने न्यायपालिका के इतिहास पर एक काला धब्बा करार दिया था। नूपुर शर्मा पर 7 राज्यों में 9 FIR दर्ज हैं, जिन्हें वो दिल्ली ट्रांसफर करने की माँग कर रही हैं। लेकिन, पिछली बार दोनों जजों ने कह दिया था कि देश में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए ‘सिर्फ और सिर्फ’ नूपुर शर्मा ही जिम्मेदार हैं। उनके बयान को गैर-जिम्मेदाराना और उन्हें दंभी बता दिया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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