पैगंबर मुहम्मद के विरुद्ध टिप्पणी के आरोप में अपने खिलाफ दर्ज सारे FIR को एक जगह हस्तानांतरित करवाने के लिए नूपुर शर्मा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुँची हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में एक नई याचिका दायर की है। साथ ही उन्होंने इस मामले में गिरफ़्तारी से अंतरिम राहत की भी गुहार लगाई है। बता दें कि पिछली बार जब वो यही याचिका लेकर आई थीं तो सुप्रीम कोर्ट के जजों जस्टिस सूर्यकान्त और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने उन पर तल्ख़ टिप्पणी की थी।
इसके बाद 1 जुलाई, 2022 को उन्होंने अपनी इस याचिका को वापस ले लिया था। वैकेशन बेंच ने उनके बयान को पूरे देश में आग लगाने के लिए जिम्मेदार बताते हुए उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था, जिसे न्यायिक विशेषज्ञों ने न्यायपालिका के इतिहास पर एक काला धब्बा करार दिया था। नूपुर शर्मा के खिलाफ कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम और जम्मू कश्मीर में FIR दर्ज किए जा चुके हैं। नूपुर शर्मा पर कुल 9 FIR दर्ज हैं, जिन्हें वो दिल्ली ट्रांसफर करने की माँग कर रही हैं। उनका कहना है कि एक ही मामले में इतनी जगह कार्रवाई प्रताड़ना के समान है।
चूँकि एक ही मामले में किसी को कानूनन अलग-अलग सज़ाएँ नहीं सुनाई जा सकतीं, इसीलिए वो इन FIR को किसी एक जगह हस्तानांतरण करने के लिए गुहार लेकर सुप्रीम कोर्ट के पास पहुँची थीं, लेकिन दोनों जजों ने कह दिया कि देश में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए ‘सिर्फ और सिर्फ’ नूपुर शर्मा ही जिम्मेदार हैं। उनके बयान को गैर-जिम्मेदाराना और उन्हें दंभी बता दिया गया। नूपुर शर्मा ने नई याचिका में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद उन्हें और उनके परिवार को बलात्कार और हत्या की धमकियाँ मिल रही हैं।
Nupur Sharma moves Supreme Court to revive earlier plea to club multiple FIRs; seeks stay on arrest#NupurSharma #SupremeCourtOfIndia https://t.co/WIj6Sv9J2k
— Bar & Bench (@barandbench) July 18, 2022
इस मामले की सुनवाई मंगलवार (19 जुलाई, 2022) को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ही करेगी। नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर इस्लाम जिहादियों ने राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल का सिर कलम कर दिया और महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे का गला रेत दिया। इसी तरह गुजरात में एक व्यापारी को धमकी मिली। उदयपुर और भीलवाड़ा में ऐसी कई धमकियाँ मिलीं। उदयपुर की घटना के कनेक्शन अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह से भी जुड़े हैं।