सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (नवंबर 28, 2019) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया कि उसने जाँच के दौरान पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के 12 बैंक खातों की पहचान की है, जिनमें आईएनएक्स मामले से मिली रकम जमा की गई। ईडी ने कोर्ट को बताया कि पी चिदंबरम की संपत्तियाँ और बैंक खाते 16 देशों में मौजूद हैं। ईडी ने कहा कि चिदंबरम की 16 देशों में 12 संपत्तियाँ और 12 बैंक खाते पाए गए हैं।
न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ के समक्ष ईडी की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने दावा किया कि पूर्व वित्त मंत्री हिरासत में होने के बावजूद महत्वपूर्ण गवाहों पर अपना प्रभाव रखते हैं। हिरासत में 100 दिन पूरे करने वाले वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी की तरफ से कहा गया कि अगर उन्हें जमानत दिया जाता है, तो वो महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
उनका दावा है कि पी चिदंबरम ने ‘निजी लाभ’ के लिए वित्त मंत्री के ‘प्रभावशाली कार्यालय’ का इस्तेमाल किया और इस अपराध की रकम को हड़प गए। निदेशालय का यह भी कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री होने की वजह से पी चिदंबरम की उपस्थिति ही गवाहों को भयभीत करने के लिये काफी है।
Solicitor General Tushar Mehta for ED, in SC: 16 companies were involved in laundering & modifying shareholding pattern. 12 foreign bank accounts were connected, 12 foreign properties were identified, properties were found in 16 countries which can be linked to P Chidambaram. https://t.co/TSZoHMuV4S
— ANI (@ANI) November 28, 2019
तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा, “ऐसा नहीं है कि पी चिदंबरम निर्दोष हैं, जिन्हें अंधेरे में रखा गया। यह मामला केवल INX मीडिया का ही नहीं है, बल्कि इसमें अन्य कंपनियाँ भी शामिल हैं। इन कंपनियों ने भी विदेशी निवेश प्रवर्तन बोर्ड के समक्ष अपना आवेदन दायर किया था।” उन्होंने आगे बताया कि लॉन्ड्रिंग व शेयर होल्डिंग पैटर्न में 16 कंपनियाँ शामिल थीं। 16 देशों में 12 विदेश खाता और 12 विदेशी संपत्तियों की पहचान की गई है, जिसका लिंक पी चिदंबरम से हो सकता है।
तुषार मेहता ने जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि ये आर्थिक अपराध गंभीर प्रकृति के हैं। जब कार्यालय में लोग भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त होते हैं, तो ये न केवल समाज, देश और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं, बल्कि पूरे सिस्टम के प्रति आम आदमी के विश्वास को भी हिलाकर रख देते हैं। साथ ही उन्होंने यह तर्क भी दिया कि इस तरह के अपराध एक झटके में नहीं किए जाते, बल्कि इसे विचार-विमर्श के साथ किया जाता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में शेल कंपनियों का एक जाल देश और विदेश में ऐसे लोगों द्वारा स्थापित किया गया था, जो उनके एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब अपराध किया जा रहा था, तब वह (चिदंबरम) केवल एक तमाशाई/ दर्शक नहीं थे। चिदंबरम ने हिरासत में होने के बावजूद गवाहों को प्रभावित करना जारी रखा और इसी वजह से तीन प्रमुख गवाहों ने उनके सामने गवाही देने के लिए उपस्थित होने से इनकार कर दिया।
चिदंबरम की इस दलील का विरोध करते हुए कि वह एक कठोर अपराधी नहीं है और उनके साथ “रंगा या बिल्ला” की तरह पेश नहीं आना चाहिए, मेहता ने कहा कि आर्थिक अपराध सबसे बड़ा अपराध है और इसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। वहीं चिदंबरम की तरफ से वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि उनके (चिदंबरम) के ऊपर लगाए जाने वाले आरोप निराधार हैं और ये आरोप उनकी छवि को धूमिल करने के लिए लगाए जा रहे हैं। चिदंबरम ने ED को चैलेंज करते हुए INX मीडिया घोटाला मामले में एक भी सबूत दिखाने को कहा था। इसी की प्रतिक्रिया में ED ने कोर्ट को 16 देश और 12 खातों से संबंधित जानकारी दी।
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