Sunday, November 24, 2024
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बहराइच में जिन्होंने पकड़ रखी थी माँ दुर्गा की मूर्ति, अब उन्होंने मस्जिद से ऐलान का किया दावा: कहा- पत्थरबाजी में मुस्लिम औरतें भी थीं, हमलावर कह रहे थे मारने से सवाब मिलेगा

पद्माकर दीक्षित ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा कि वे लोग मूर्ति के साथ आगे बढ़ रहे थे, तभी एक पत्थर आकर लगा। इससे माँ दुर्गा की प्रतिमा का हाथ टूट गया। कोई कुछ समझ पाता इससे पहले दूसरा पत्थर आ गिरा। इससे प्रतिमा की गर्दन क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद प्रतिमा और श्रद्धालुओं पर पत्थरों की बरसात हो गई।

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 13 अक्टूबर 2024 को माँ दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान मुस्लिम भीड़ ने श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया था। इस हमले में राम गोपाल मिश्रा की हत्या कर दी गई थी, जबकि कई अन्य श्रद्धालु घायल हो गए थे। घायलों में पद्माकर दीक्षित भी शामिल हैं। बहराइच पुलिस के दावों के विपरीत पद्माकर दीक्षित ने भी खुद को भुक्तभोगी और चश्मदीद बताते हुए कहा कि विसर्जन यात्रा पर हमले का ऐलान मस्जिद से किया गया था।

पद्माकर दीक्षित मूर्ति विसर्जन जुलूस में माँ दुर्गा की प्रतिमा पकड़ कर चल रहे थे। हमले में घायल होने के बाद उन्हें इलाज के बाद घर भेज दिया गया। पीड़ित पद्माकर दीक्षित मूल रूप से महराजगंज के पास ही स्थित सिपहिया प्यूली गाँव के निवासी हैं। वे थोड़ी-सी खेती-बाड़ी के साथ दूध आदि बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन वो 9 दिन का नवरात्रि व्रत पर थे और पूरे श्रद्धा भाव से विसर्जन यात्रा लेकर अन्य हिंदुओं के साथ निकले थे। पद्माकर दीक्षित ट्रैक्टर ट्रॉली पर जा रही माँ दुर्गा की मूर्ति को पकड़ रखा था। मार्ग में वह अन्य श्रद्धालुओं की भाँति ‘जय माता दी’ के नारे भी लगा रहे थे। इसी दौैरान पथराव हो गया।

पथराव में मूर्ति तोड़ी, फिर मस्जिद से हमले का ऐलान

पद्माकर दीक्षित ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा कि वे लोग मूर्ति के साथ आगे बढ़ रहे थे, तभी एक पत्थर आकर लगा। इससे माँ दुर्गा की प्रतिमा का हाथ टूट गया। कोई कुछ समझ पाता इससे पहले दूसरा पत्थर आ गिरा। इससे प्रतिमा की गर्दन क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद प्रतिमा और श्रद्धालुओं पर पत्थरों की बरसात हो गई।

पथराव के बीच हिंदू खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। सामने मुस्लिमों की भीड़ आती देखकर पद्माकर दीक्षित भी अपनी जान बचाकर भागने लगे। उन्होंने बताया कि भगदड़ के दौरान उन्होंने मस्जिदों से एनाउंस होते सुना। इसमें कहा जा रहा था, “अल्लाह हु अकबर। जो मिले उनको काट दो।” पद्माकर के अनुसार, मुस्लिम भीड़ का कहना था कि जितना हिंदू को मारोगे उतना ही सवाब मिलेगा।

मुस्लिम भीड़ के हिंसक रूप को देखकर वहाँ अफरा-तफरी का और अधिक माहौल बन गया। श्रद्धालुओं में छोटे-छोटे बच्चे भी थे। इनकी सुरक्षा को लेकर लोग और ज्यादा चिंतित हो उठे। पद्माकर दावा करते हैं कि कई नाबालिग बच्चे भी मुस्लिम भीड़ के हमले में चोटिल हुए हैं, लेकिन उनके परिजन डर से उनका नाम सामने नहीं लाना चाहते।

मुस्लिम महिलाओं ने भी चलाए पत्थर

पद्माकर दीक्षित ने हमें आगे बताया कि जान बचाकर भागने के दौरान उन्होंने देखा हमलावर भीड़ में कुछ मुस्लिम महिलाएँ भी शामिल थीं। वो छतों से श्रद्धालुओं पर पत्थर बरसा रही थीं। इसके अलावा हथियार लेकर सड़कों पर उतरी कट्टरपंथियों की भीड़ में बच्चों से लेकर बूढ़े तक शामिल थे। इनके पास लाठी-डंडों और धारदार हथियार भी थे। पद्माकर का दावा है कि हिन्दुओं की तरफ से कई बुजुर्ग शांति की अपील कर रहे थे, लेकिन मुस्लिमों की ओर से कोई भी ऐसा करता नहीं दिखा।

कहाँ से आईं इतनी काँच की बोतलें

पीड़ित को इस बात की भी हैरानी है कि हमलावरों के पास इतनी काँच की बोतलें कहाँ से आईं। उन्होंने बताया कि महराजगंज बाजार में कोई कोल्डड्रिंक आदि का डिस्ट्रीब्यूटर भी नहीं है। ऐसे में इतनी बोतलें पहले से कैसे जमा थीं? बकौल पद्माकर, अचानक इतने पत्थर बरसना और हथियारों का निकल आना इस बात का संकेत है कि अब्दुल हमीद और उसके साथियों ने हमले की तैयारी पहले से कर रखी थी।

पद्माकर दावा करते हैं कि जब हिंदुओं ने पुलिस ने हिन्दुओं की मदद करने के बजाय उन्हें ही दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू कर दिया। इसके कारण पद्माकर सहित कई लोगों को काफी चोटें आईं। हमले में किसी का हाथ टूटा तो किसी का मुँह फट गया। आखिरकार पद्माकर अपनी जान बचाकर खेतों के रास्ते से घर की ओर भागे। रास्ते में वो बेहोश होकर गिर पड़े।

पद्माकर के अनुसार, उनके साथियों ने पानी का छींटा मार कर उन्हें उठाया और घर पहुँचाया। उनके पैरों में चोट आई थी। घर पहुँचने पर उनके परिजन इलाज के लिए महसी स्थित अस्पताल ले गए। पैरों पर चोट के निशान अभी भी देखे जा सकते हैं, जिसका इलाज चल रहा है। पद्माकर दीक्षित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमलावरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की माँग की है।

अपने बचाव में झूठे आरोप लगा रहा मुस्लिम पक्ष

जब हमने पद्माकर दीक्षित से मुस्लिम पक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बारे में पूछा तो उन्होंने इसे सच्चाई नहीं, बल्कि साजिश बताया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष आरोप इसलिए लगा रहा है, ताकि वो बच जाए और दोष हिन्दुओं पर मढ़ दी जाए। हिन्दू को पीड़ित बताते हुए पद्माकर ने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने ही हिन्दुओं और मूर्तियों पर हमले किए थे। उन्होंने सरफराज और तालिब के एनकाउंटर पर असंतोष जताया।

पद्माकर दीक्षित ने कहा कि दोनों आरोपितों के पैर के बजाय सीने पर गोली लगनी चाहिए थी। अब तक की पुलिस कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए पद्माकर ने कहा कि इससे हमलावरों का मनोबल और बढ़ा है। उन्होंने आशंका जाहिर की कि इस बार उन्होंने एक को मारा है, लेकिन अगली बार वे चार को मारेंगे। पद्माकर को आशंका है कि राम गोपाल मिश्रा के हत्यारे जल्द ही छूट सकते हैं।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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