Sunday, November 17, 2024
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नीरज प्रजापति के लिए ऑपइंडिया ने जुटाए ₹32 लाख: CAA समर्थन रैली में मुस्लिम भीड़ ने मार डाला था

ऑपइंडिया के प्रयासों के बाद जनता ने अब तक लगभग 32.5 लाख रुपए का सहयोग किया है। इसमें से 11.4 लाख रुपए क्राउडकैश के जरिए जुटाए गए, जबकि बाकी धनराशि लोगों ने दिवंगत नीरज की पत्नी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया। परिवार ने इसके लिए जनता का धन्यवाद किया है।

नीरज प्रजापति का नाम याद है? लोहरदगा में 23 जनवरी को सीएए के समर्थन में आयोजित हुई रैली पर मुस्लिमों के हमले में घायल होने के बाद नीरज प्रजापति की मृत्यु हो गई थी। लोहरदगा सदर अस्पताल, राँची ऑर्किड हॉस्पिटल और फिर रिम्स में उनका इलाज चला, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। वो देवी-देवताओं की मूर्तियाँ व अन्य पेंटिंग्स बना कर अपना व परिवार का गुजर-बसर करते थे। बेटे की मृत्यु की ख़बर सुन कर नीरज के पिता को भी गहरा सदमा लगा था, जिसके बाद उन्हें रिम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

चूँकि, परिवार की माली हालत ठीक नहीं है और दिवंगत नीरज द्वारा बनाई गई माँ सरस्वती की प्रतिमाएँ बिक नहीं पाईं, ऑपइंडिया ने परिवार की मदद के लिए क्राउडफंडिंग अभियान चलाया। दिवंगत नीरज राम प्रजापति की पत्नी के बैंक अकाउंट डिटेल को जारी किया गया और सार्वजनिक रूप से हमनें जनता से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी-अपनी क्षमतानुसार सहयोग करें। नीरज प्रजापति की एक 9 साल की बेटी है और 3 वर्ष का बेटा है, जिनके भरण-पोषण हेतु लोगों द्वारा सहयोग स्वरूप दी गई राशि का अहम योगदान होगा।

ऑपइंडिया के संपादक अजीत भारती ने एक वीडियो के जरिए लोगों को दिवंगत नीरज के परिवार की व्यथा बताई और उनकी पत्नी दिव्या कुमारी के बैंक अकाउंट डिटेल्स सार्वजनिक करते हुए सहयोग की अपील की। परिवार काफ़ी ग़रीबी में जी रहा था और नीरज की पत्नी के पास अपना पैन नंबर तक नहीं था। बाद में परिजनों ने मिल कर उनका पैन अकाउंट बनवाया।

हालाँकि, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को कोई बदल नहीं सकता लेकिन नीरज प्रजापति के परिवार, ख़ासकर बच्चों की शिक्षा-दीक्षा और रहन-सहन के लिए वित्त की ज़रूरत थी। सरकार ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया तो ऑपइंडिया के प्रयासों के बाद जनता ने अब तक लगभग 32.5 लाख रुपए का सहयोग किया है। इसमें से 11.4 लाख रुपए क्राउडकैश के जरिए जुटाए गए, जबकि बाकी धनराशि लोगों ने दिवंगत नीरज की पत्नी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया। परिवार ने इसके लिए जनता का धन्यवाद किया है।

ऑपइंडिया भी इस सहयोग के लिए जनता का आभार प्रकट करता है। अभी हालिया दिल्ली दंगों में आपने देखा ही होगा कि मुस्लिम भीड़ द्वारा मारे गए हिन्दुओं के परिवारों की कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। नीरज प्रजापति का मामला तो मीडिया के भी नहीं उठाया और उन्हें झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार ने कोई मदद नहीं मिली। उलटा उन पर दबाव बनाया गया कि वो सीएए समर्थन रैली में मुस्लिम भीड़ द्वारा मारे जाने की बात मीडिया में न बोलें।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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