प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के स्कूली शिक्षक रासविहारी मणियार (Rasvihari Maniyar) का निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे। वे गुजरात के वडनगर स्थित बीएन विद्यालय से प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत हुए थे। इसी विद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचपन में पढ़ाई की थी। अपने शिक्षक के निधन पर प्रधानमंत्री ने संवेदना व्यक्त है।
मणियार के निधन की जानकारी साझा करते हुए पीए मोदी ने कहा, “अपने स्कूल शिक्षक रासविहारी मणियार के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख पहुँचा। मेरे जीवन में उनका अमूल्य योगदान है। मैं जीवन के इस पड़ाव तक उनसे जुड़ा रहा। एक छात्र के रूप में मुझे जीवनभर उनका मार्गदर्शन मिलने का संतोष है।”
મારી શાળાના શિક્ષક રાસબિહારી મણિયારના અવસાનના સમાચાર સાંભળી ખૂબ જ વ્યથિત છું.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 27, 2022
મારા ઘડતરમાં તેમનો અમૂલ્ય ફાળો છે. હું જીવનના આ પડાવ સુધી તેમની સાથે જોડાયેલો રહ્યો અને એક વિદ્યાર્થી હોવાના નાતે મને સંતોષ છે કે જીવનભર મને તેમનું માર્ગદર્શન મળતું રહ્યું. pic.twitter.com/QmlJE9o07E
अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने अपने गुुरु रासविहारी मणियार के साथ एक तस्वीर भी की। इसके साथ ही उन्होंने लिखा, “दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना… “। इस तस्वीर में पीएम मोदी अपने शिक्षक को सम्मानित कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने गुरु का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। यह तस्वीर कुछ साल पुरानी है।
बता दें कि पीएम मोदी अपने गुरु का जिक्र समय-समय पर करते रहे हैं। जब भी वह गुजरात दौरे पर होते हैं और मौका मिलता है तो अपने शिक्षकों से मिलने की कोशिश करते हैं। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान अहमदाबाद में गुजरात कॉलेज के एक कार्यक्रम में अपने टीचरों को सम्मानित किया था।
मन की बात
टीचर रासविहारी मणियार को अपनी ‘मन की बात’ लिखने और उसे अपने पसंदीदा शिष्यों को भेजने की आदत थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2017 में अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इसका जिक्र किया था। हालाँकि, उन्होंने नाम का जिक्र नहीं किया था, लेकिन स्थान और उम्र का जिक्र किया था। इसके अलावा, वे पीएम मोदी अपने गुरु के हर जन्मदिन पर उन्हें पत्र भेजते थे।
मणियार ने कहा था कि उन्हें पीएम मोदी को पत्र लिखना पसंद है। उन्होंने कहा था, “जब लिखने का मन करता है, तब लिखता हूँ। मैं जवाबों या किसी भी चीज़ के बारे में नहीं सोचता। मुझे सिर्फ लिखना पसंद है।” पीएम मोदी को लेकर एक घटना का भी उन्होंने जिक्र किया था।
उन्होंने कहा था, “एक बार जब उन्होंने कहीं भाषण दिया तो मैंने देखा कि उनकी जैकेट की जेब में केवल एक पेन था। मैंने अपना पेन और पेपर लिया और उन्हें एक के बजाय दो पेन रखने के लिए कहा। अगर एक पेन काम नहीं करता है या उन्हें दूसरे रंग की जरूरत है तो काम आएगा।” साल 1966 में वडनगर से मुंबई शिफ्ट होेने के बाद वे ‘अनामया चक्रवर्ती’ पेन नेम से गुजराती और अंग्रेजी में कविता लिखा करते थे।
पीएम मोदी को लेकर उन्होंने कहा था, “वडनगर जैसे एक छोटे शहर का आदमी ओबामा से मिलता है और ऐसे बात करता है जैसे वे दो भाई हैं। यह अपने आप में आदमी के बारे में बहुत कुछ कहता है। यह उनका (पीएम मोदी का) दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत है, जो उन्होंने 25-30 वर्षों से अधिक समय तक की है और वे यहाँ तक आए हैं।”
प्रधानमंत्री के छात्र जीवन के बारे में कहा था, “वह एक अच्छा छात्र थे। उनकी लिखावट थोड़ी खराब थी, लेकिन पढ़ाई में वे अच्छा थे। वे हर क्षेत्र की गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। वे एक अनुशासित बच्चा थे, जो कभी अनुशासनहीन व्यवहार नहीं कर सकता था।”
पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा था, “मेरा घर नरेंद्र के आवास से लगभग दो-तीन मिनट की दूरी पर था। वह हमेशा पास के एक तालाब में नहाने जाता थे। एक बार वह हाथ में मगरमच्छ का बच्चा लेकर घर आए और अपनी माँ को दिखाया। उनकी माँ डर गईं और उन्हें समझाया कि उसे जहाँ से मिला वहाँ से उसे छोड़ देना चाहिए।”