उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के गाँव रुहासा में पुलिस की छापेमारी के दौरान हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। ये हथियार गाँव के पूर्व उप-प्रधान सदरुद्दीन के घर से बरामद किए गए हैं। हथियारों को बिस्तर के नीचे छुपा कर रखा गया था। इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस का एक कॉन्स्टेबल भी शामिल पाया गया, जिसका नाम जहीन है। उस पर पुलिस के कारतूसों को आरोपितों को बेचने का आरोप है। यह छापेमारी 24 नवम्बर 2021 (बुधवार) को की गई है।
इस मामले में मेरठ के SSP प्रभाकर चौधरी ने बताया कि उनके पास व्हॉट्सएप पर हथियारों की सूचना मिली थी। एसपी सिटी विनीत भटनागर के नेतृत्व में पुलिस टीम ने छापेमारी की, जिसमें भारी संख्या में हथियार बरामद किए गए। बरामद हथियारों में एक फैक्ट्री मेड राइफल, 1 देशी बंदूक, 2 तमंचा, 236 ज़िंदा कारतूस, 156 खोखे बरामद किए गए हैं। इसके अलावा, गोलियाँ बनाने के छर्रे, हथौड़ी, पेचकस, प्लास और रेती बरामद की गई हैं। इन औजारों का उपयोग हथियारों को बनाने में किया जाता था। एसपी सिटी का कहना है कि इस मामले को गाँव में वर्चस्व, आगामी विधानसभा चुनाव और हथियारों की सप्लाई से घटनाक्रम को जोड़कर देखा जा रहा है।
पुलिस ने मौके से शवी अख्तर और रज़ी अख्तर नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सदरुद्दीन के बेटे शवी और रजी गाँव में अक्सर हथियारों की नुमाइश कर के अपना दबदबा बनाने के प्रयास में रहते थे। एक आरोपित शवी अख्तर पहले भी डबल मर्डर में जेल काट चुका है और 3 मुकदमों में नामज़द है, जबकि उसके भाई रज़ी अख्तर पर पहले से 1 केस दर्ज है। गिरफ्तार शवी ने MA और रज़ी कक्षा 10 तक पढ़ाई की है।
इस मामले में दो फरार सगे भाइयों शमी और वशी को पुलिस तलाश कर रही है। इनमें से तीन आरोपितों की पत्नियाँ शबनम, रुबीना और शादाब भी फरार हैं। इसी केस में प्रकाश में आए कॉन्स्टेबल जहीन के साथ मिनाज और शमीम भी फरार हैं। इन सभी की तलाश पुलिस कर रही है। एसपी सिटी भटनागर के मुताबिक, पुलिस हर बिंदु पर जाँच कर रही है। फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है। गौरतबल है कि इस परिवार से दुश्मनी रखने वाले अफ़ज़ाल के घर पर भी पुलिस ने पहले छापा मारा था, तब सबने पुलिस पर हमला कर दिया था।