सोशल मीडिया पर लगातार विवादास्पद टिप्पणी करने वाले प्रशांत कनौजिया (Prashant Kanojia) को उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली से गिरफ़्तार कर लिया है। प्रशांत कनौजिया के खिलाफ सोमवार (अगस्त 17, 2020) को लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी। कथित एक्टिविस्ट और फ्रीलांस पत्रकार प्रशांत पर श्रीराम मंदिर को लेकर फर्जी खबर के जरिए दलितों को भड़काने का आरोप है।
आरोपित प्रशांत कनौजिया ने इस बार (मतलब वो बार-बार ऐसी हरकत करता है) अयोध्या श्रीराम मंदिर को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए फोटोशॉप के माध्यम से दलितों को भड़काने का प्रयास किया था। इससे पहले भी प्रशांत कनौजिया के खिलाफ भाजपा नेता शशांक शेखर सिंह ने FIR दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
FIR के अनुसार, प्रशांत कनौजिया ने सोशल मीडिया पर जाति, धर्म व वर्ग को बाँटने से संबंधित टिप्पणी की थी। इससे समाज में भय का माहौल हो गया था। शांति व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आइटी एक्ट, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने व जालसाजी समेत विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।
प्रशांत कनौजिया के ट्विटर अकाउंट से भी उसकी गिरफ्तारी की ख़बरें रीट्वीट की गई हैं। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह ट्वीट उसने कस्टडी में रहते हुए किए या फिर उससे पहले।
दरअसल, प्रशांत कनौजिया ने हाल में कॉन्ग्रेस नेता उदितराज द्वारा संचालित संगठन ‘ऑल इंडिया परिसंघ’ का एक पोस्ट शेयर किया था। इसमें दावा किया गया था कि हिन्दू आर्मी नामक संगठन चलाने वाले सुशील तिवारी ने कहा है कि राम मंदिर में शूद्रों, एससी, एसटी व ओबीसी का प्रवेश निषेध रहेगा, सभी लोग एक साथ आएँ।
सुनील तिवारी के इसी फर्जी दावे को दलित एक्टिविस्ट व फ्रीलांस पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने भी शेयर किया और इस पर संदेश लिखा – “तिवारी जी का आदेश है।”
उक्त प्रकरण में अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।
— DCP CENTRAL LKO (@dcpcentrallko) August 17, 2020
जबकि वास्तविकता यह थी कि प्रशांत कनौजिया द्वारा शेयर की गई यह तस्वीर एडिट की हुई थी, जबकि हिन्दू आर्मी के सुशील तिवारी नामक फेसबुक पेज ने ठीक उसी बैकग्राउंड वाली पोस्ट शेयर की थी, जिसमें लिखा था – “UPSC से इस्लामिक स्टडी को तुरन्त हटाकर वैदिक स्टडी जोड़ा जाए, सब लोग एक साथ आएँ।”