राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार (29 अगस्त) को अयोध्या के रामकथा पार्क में दीप जलाकर रामायण कॉन्क्लेव का और पर्यटन विकास की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए रामकथा के महत्व बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है, ”रामकथा सुंदर करतारी, संसय बिहग उड़ावनि-हारी। अर्थात राम की कथा हाथ की वह मधुर ताली है, जो संदेहरूपी पक्षियों को उड़ा देती है।”
रामकथा के महत्व के विषय में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है:
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 29, 2021
रामकथा सुंदर करतारी,
संसय बिहग उड़ावनि-हारी।
अर्थात
राम की कथा हाथ की वह मधुर ताली है, जो संदेहरूपी पक्षियों को उड़ा देती है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि रामायण और महाभारत, इन दोनों ग्रन्थों में, भारत की आत्मा के दर्शन होते हैं। यह कहा जा सकता है कि भारतीय जीवन मूल्यों के आदर्श, उनकी कहानियाँ और उपदेश, रामायण में समाहित हैं।
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि रामायण और महाभारत, इन दोनों ग्रन्थों में, भारत की आत्मा के दर्शन होते हैं। यह कहा जा सकता है कि भारतीय जीवन मूल्यों के आदर्श, उनकी कहानियां और उपदेश, रामायण में समाहित हैं।
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उन्होंने अपने संबोधन में अयोध्या का शाब्दिक अर्थ भी बताया। उन्होंने कहा, “अयोध्या का शाब्दिक अर्थ है- जिसके साथ युद्ध करना असंभव हो। रघु, दिलीप, अज, दशरथ और राम जैसे रघुवंशी राजाओं के पराक्रम व शक्ति के कारण उनकी राजधानी को अपराजेय माना जाता था। इसलिए इस नगरी का ‘अयोध्या’ नाम सर्वदा सार्थक रहेगा।” उन्होंने कहा कि राम के बिना अयोध्या, अयोध्या है ही नहीं। अयोध्या तो वही है, जहाँ राम हैं। इस नगरी में प्रभु राम सदा के लिए विराजमान हैं। इसलिए यह स्थान सही अर्थों में अयोध्या है।
अयोध्या का शाब्दिक अर्थ है, ‘जिसके साथ युद्ध करना असंभव हो’। रघु, दिलीप, अज, दशरथ और राम जैसे रघुवंशी राजाओं के पराक्रम व शक्ति के कारण उनकी राजधानी को अपराजेय माना जाता था। इसलिए इस नगरी का ‘अयोध्या’ नाम सर्वदा सार्थक रहेगा।
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राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व के अनेक देशों में रामकथा की प्रस्तुति की जाती है। इन्डोनेशिया के बाली द्वीप की रामलीला विशेष रूप से प्रसिद्ध है। मालदीव, मारिशस, त्रिनिदाद व टोबेगो, नेपाल, कंबोडिया और सूरीनाम सहित अनेक देशों में प्रवासी भारतीयों ने रामकथा व रामलीला को जीवंत बनाए रखा है। मैं कामना करता हूँ कि जिस प्रकार रामराज्य में सभी लोग दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टों से मुक्त थे उसी प्रकार हमारे सभी देशवासी सुखमय जीवन व्यतीत करेंगे।
LIVE: अयोध्या में रामायण कॉनक्लेव के उद्घाटन एवं पर्यटन तथा संस्कृति विभाग की योजनाओं के लोकार्पण / शिलान्यास कार्यक्रम के अवसर पर राष्ट्रपति कोविन्द का सम्बोधन https://t.co/Sdr4SLzaDo
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राष्ट्रपति आज अयोध्या के एक दिवसीय दौरे पर हैं। बताया जा रहा है कि वह रामलला के दर्शन करने बाद हनुमान गढ़ी मंदिर और कनक भवन जाकर पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद दोपहर 3:50 पर प्रेसिडेंशियल स्पेशल ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना होंगे।