प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदनगर में 750 करोड़ रुपए की लागत से बने सरदार वल्लभ भाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया। इस अस्पताल के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी नें इस विश्व स्तरीय अस्पताल के लिए सभी देशवासियों को बधाई दी।
Inaugurating the Sardar Patel hospital in Ahmedabad. Watch my speech. https://t.co/CbH4WIwLd9
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2019
उन्होंने कहा कि ये अस्पताल देश में सरकारी अस्पतालों के लिए एक मॉडल सिद्ध होने वाला है। यहाँ के कमरे हों या फिर पूरा कैंपस, आधुनिकता और पर्यावरण का पूरा ध्यान रखा गया है। 1500 बेड वाला ये अस्पताल अहमदाबाद की स्वास्थ्य सुविधाओं को उच्च स्तर पर ले जाने वाला है।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में जाने से लोग बचते थे और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कर पाना सिर्फ़ साधन सम्पन्न लोगों के ही बस में था। ये देखकर बड़ी पीड़ा होती थी इसी स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार ने अनेक फ़ैसले लिए थे नए सरकारी अस्पताल बनवाने, नए मेडिकल कॉलेज बनवाने पर ज़ोर दिया।
बीते चार वर्ष में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ मेडिकल एजुकेशन का भी अभूतपूर्व विस्तार किया गया है। इस दौरान 18 हज़ार से अधिक MBBS और 13 हज़ार से ज़्यादा पोस्ट ग्रेजुएट सीटें बढ़ाई गई हैं। यहाँ गुजरात में भी हज़ारों नई सीटें जोड़ी गई हैं।
आयुष्मान भारत जैसी योजना के कारण छोटे-छोटे क़स्बों में भी ज़रूरत बढ़ रही है, नए अस्पताल भी तेज़ी से खुल रहे हैं, नए अस्पताल खुल रहे हैं, तो डॉक्टरों और पैरामेडिक स्टाफ़ की भी माँग बढ़ रही है, युवाओं के लिए रोज़गार के अनेक अवसर हेल्थ सेक्टर में आने वाले समय में बनने वाले हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर बड़ी बिज़नेस समिट के साथ इस प्रकार के आयोजन हम विदेश में ही देखते थे। अब वाइब्रेंट गुजरात के साथ ही अहमदाबाद शॉपिंग फेस्टिवल की शुरुआत, एक सराहनीय पहल है।
प्रधानमंत्री ने ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि मुझे पता चला है कि गुजरात के अलग-अलग हिस्सों से स्ट्रीट वेंडर से लेकर शॉपिंग मॉल तक के व्यापारी इस फेस्टिवल में शामिल हुए हैं। हस्तशिल्पियों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और होटल-रेस्तरां से जुड़े कारोबारी अपने उत्पादों का प्रचार प्रसार करने यहाँ आए हैं।
इसके बाद उन्होंने कहा कि देश में व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। बीते 4 वर्ष में सैकड़ों नियमों को आसान बनाया गया है, पुराने क़ानूनों को समाप्त किया गया है। इन्हीं का नतीजा है कि 4 वर्ष पहले जहाँ हम Ease of Doing Business में 142 नंबर पर थे, आज 77 रैंक पर हैं।
सरकार का प्रयास है कि छोटे उद्यमियों के लिए प्रक्रियाओं को आसान किया जाए। हम उस व्यवस्था की तरफ बढ़ रहे हैं जब GST और जो दूसरे रिटर्न हैं, उन्हीं के आधार पर बैंक छोटे उद्यमियों को ऋण की सुविधा दें। 59 मिनट में एक करोड़ रुपए तक के ऋण की सैधांतिक मंज़ूरी मिल रही है।