Tuesday, October 8, 2024
Homeदेश-समाजभारत की 'साइक्लोन' पूजा तोमर, जिसने UFC जीतकर रच दिया इतिहास: लड़कों की हरकतों...

भारत की ‘साइक्लोन’ पूजा तोमर, जिसने UFC जीतकर रच दिया इतिहास: लड़कों की हरकतों ने बनाया फाइटर, पिता की हो चुकी है मौत

पिछले साल पूजा तोमर UFC के साथ अनुबंध हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला फाइटर बनीं। पूर्व राष्ट्रीय वुशु चैंपियन पूजा तोमर ने मैट्रिक्स फाइट नाइट और वन चैंपियनशिप सहित अन्य चैंपियनशिप में भी शामिल हो चुकी हैं। लगातार चार हार के बाद उन्होंने वन चैम्पियनशिप छोड़ दी और 2021 में मैट्रिक्स फाइट नाइट में शामिल हो गई थीं।

उत्तर प्रदेश की पूजा तोमर ने अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप (UFC) में फाइट जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया है। पूजा ने UFC लुइसविले 2024 में ब्राज़ील की रेयान डॉस सैंटोस को हराकर यह खिताब जीता लहै। पूजा तोमर ने पिछले साल UFC कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनकर नई कीर्तिमान स्थापित किया था।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की रहने वाली पूजा तोमर ने महिलाओं के स्ट्रॉवेट डिवीजन में अपनी पहली फाइट में 30-27, 27-30 और 29-28 के स्कोर के साथ विभाजित निर्णय से जीत हासिल की। यह मुकाबला काँटे का था, जिसमें दोनों फाइटर्स ने अपनी-अपनी ताकत दिखाई। पूजा ने पहले राउंड में शक्तिशाली बॉडी किक्स के साथ दबदबा बनाया और आखिरकार जीत में तब्दील हो गई।

‘साइक्लोन’ के नाम से मशहूर 28 वर्षीया पूजा तोमर को भारतीय सर्किट की सबसे बेहतरीन महिला फाइटर्स में से एक माना जाता है। पूजा ने इस पल को भारतीय फाइटर्स और MMA प्रशंसकों को समर्पित किया। पूजा की जीत से पहले हर कोई सोचता था कि भारतीय फाइटर्स को UFC जैसे मंच पर होने का अधिकार नहीं है। पूजा ने कहा कि वह दुनिया को दिखाना चाहती थीं।

भारत बेहतरीन मिक्स्ड मार्शल आर्ट (MMA) फाइटर पूजा ने कहा, “मैं दुनिया को दिखाना चाहती हूँ कि भारतीय फाइटर्स हारे हुए नहीं हैं। हम पूरी तरह से आगे बढ़ रहे हैं! हम रुकने वाले नहीं हैं! हम जल्द ही UFC चैंपियन बनेंगे! यह जीत मेरी नहीं है, यह सभी भारतीय प्रशंसकों और सभी भारतीय फाइटर्स की जीत है। मैं भारतीय ध्वज के साथ भारतीय गीत पर बाहर निकली और मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ।”

पूजा ने आगे कहा, “मेरे रोंगटे खड़े हो गए। अंदर (ऑक्टागन) कोई दबाव नहीं था, मैंने बस यही सोचा कि मुझे जीतना है। मैंने दो या तीन मुक्के खाए, लेकिन मैं ठीक हूँ। मैं खुद को बेहतर बनाने जा रही हूँ और मैं पूरी तरह से आगे बढ़ रही हूँ।” पूजा भारत कंडारे और अंशुल जुबली के पदचिन्हों पर चलती हैं, जिन्होंने यूएफसी में मुकाबला किया था, लेकिन वे अपना पहला मैच जीत नहीं पाए थे।

कौन हैं पूजा तोमर?

पूजा तोमर का जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बुढाना गाँव में हुआ है। वह 28 साल की हैं। घर में उनकी दो बहन और माँ हैं। जब वह सिर्फ छह साल की थीं तो उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद परिवार की जिम्मेदारियों ने उन्हें कठोर बना दिया। पूजा मानती हैं कि कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण उन्होंने मैट्रिक्स फाइट नाइट (MFN) को चुना, न कि खेल के प्रति जिज्ञासा, रुचि या प्यार के कारण।

उनका मानना था कि MFN में टॉप फाइटर में से एक बनने के लिए उनकी मानसिक दृढ़ता काम आई। उन्होंने इसके लिए न केवल खेल की प्रकृति को जिम्मेदार ठहराया, बल्कि जीवन में होने वाले झगड़ों को भी जिम्मेदार ठहराया। मीडिया से बात करते हुए पिछले साल पूजा ने कहा था, “हम तीन बहनें हैं। मेरी एक बहन के पैर में समस्या थी और जब कोई उसे इसके लिए परेशान करता था या चिढ़ाता था, तो मुझे बहुत गुस्सा आता था।”

उन्होंने कहा, “मैंने इसके लिए लड़कों को पीटना शुरू कर दिया था। बड़े होकर मैं जैकी चेन अभिनीत फिल्में देखती थी और मुझे लगता था कि मैं उनके स्टंट से कुछ चीजें सीख सकता हूँ और उन्हें इन लड़कों के खिलाफ इस्तेमाल कर सकती हूँ। धीरे-धीरे मैं मार्शल आर्ट की ओर बढ़ गई।” उन्होंने बताया कि आगे बढ़ने के लिए उनकी माँ हमेशा प्रेरित करती रहती थीं।

पिछले साल पूजा तोमर UFC के साथ अनुबंध हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला फाइटर बनीं। पूर्व राष्ट्रीय वुशु चैंपियन पूजा तोमर ने मैट्रिक्स फाइट नाइट और वन चैंपियनशिप सहित अन्य चैंपियनशिप में भी शामिल हो चुकी हैं। लगातार चार हार के बाद उन्होंने वन चैम्पियनशिप छोड़ दी और 2021 में मैट्रिक्स फाइट नाइट में शामिल हो गई थीं।

उन्होंने एमएफएन में चार मुकाबले जीते थे। आखिरी बार जुलाई 2023 में स्ट्रावेट चैंपियन पूजा तोमर ने MFN में रूस की अनास्तासिया फेफेनोवा को हराते हुए अपना टाइटल डिफेंड किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह इंडोनेशिया के बाली में सोमा फाइट क्लब में ट्रेनिंग करती हैं, जहाँ अंशुल जुबली ने यूएफसी फाइट्स के लिए ट्रेनिंग ली थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कॉन्ग्रेस नेता अब्दुल मोईद था बहराइच की कट्टरपंथी भीड़ का अगुआ, 14 साल के हिंदू छात्र का ‘सर तन से जुदा’ करने के लगे...

बहराइच में भीड़ ने 14 साल के नाबालिग पर अपने पैगंबर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी का आरोप लगा कर इस्लामी कट्टरपंथियों ने उत्तेजक नारे लगाए।

जिसके पिता-चाचा को इस्लामी आतंकियों ने गोलियों से भूना, उसने किश्तवाड़ में खिलाया ‘कमल’: जीत के बाद बोलीं शगुन परिहार- हर बच्चे के सर...

जम्मू कश्मीर की किश्तवाड़ सीट से भाजपा उम्मीदवार शगुन परिहार ने जोरदार जीत दर्ज की है। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवार को हराया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -