पुणे में दो लोगों को पोर्शे से कुचल कर मार देने वाले रईसजादे के दादा का अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से संबंध था। रईसजादे के दादा ने छोटा राजन से एक सम्पत्ति विवाद के मामले में मदद ली थी। इस मामले में हत्या की कोशिश तक हुई थी और इसकी जाँच सीबीआई ने की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नाबालिग लड़के के दादा ने 2007-08 के दौरान अपने भाई के साथ चल रहे एक सम्पत्ति विवाद को सुलझाने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के एक गुर्गे से सम्पर्क किया था। सम्पत्ति विवाद के निपटारे के लिए वह छोटा राजन के गुर्गे से मिलने थाईलैंड की राजधानी बैंकाक गया था। राजन भारत से भागने के बाद यहीं रहता था।
राजन के गुर्गे से मुलाक़ात के बाद अजय भोंसले नाम के एक शख्स पर गोली चलाई गई थी। बताया गया कि यह हमला राजन के गुर्गों ने किया था क्योंकि भोंसले रईसजादे के दादा के भाई के मित्र थे। गोली चलने के बाद रईसजादे के दादा के खिलाफ पुणे में एक मामला भी दर्ज किया गया था।
इसमें रईसजादे के दादा पर कई धाराएँ लगाई गईं थी। बाद में राजन से जुड़े सारे केस सीबीआई को दे दिए गए थे, यह मामला भी इसी के साथ सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने इस मामले में जाँच की थी। अभी यह मामला कोर्ट में लंबित है। यह मामला मुंबई के कोर्ट में चल रहा था।
पोर्शे से 2 लोगों को कुचलने वाले रईसजादे को अब गाड़ी चलाने का लाइसेंस 25 वर्ष की आयु तक नहीं मिलेगा। इस पर ट्रांसपोर्ट विभाग ने रोक लगा दी है। इसके अलावा जिस गाड़ी से दुर्घटना हुई है, उसे अगले एक वर्ष तक रजिस्टर नहीं किया जाएगा। गाड़ी को सड़क पर चलने भी नहीं दिया जाएगा, उसका अस्थायी रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो गया है।
गौरतलब है कि 18 मई की रात पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक अनियंत्रित पोर्शे कार ने बाइक पर जा रहे एक महिला और एक पुरुष को कुचल कर मार दिया था। यह दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। इनकी पहचान अनीस दूधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में की हुई थी। पोर्शे गाड़ी इस दुर्घटना के बाद क्षतिग्रस्त हो गई थी और 17 वर्षीय लड़के को पकड़ लिया गया था। उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 15 घंटे के भीतर इस शर्त पर जमानत दे दी थी कि वह एक 300 शब्द का निबन्ध ट्रैफिक समस्या पर लिखेगा।