भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है। यह FIR पंजाब पुलिस ने 11 मार्च 2022 को दर्ज की थी। बग्गा पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए आपत्तिजनक भाषा प्रयोग करने का आरोप लगाया गया था।
बग्गा की याचिका पर बुधवार (12 अक्टूबर 2022) को जस्टिस अनूप चिटकारा ने सुनवाई की। उन्होंने कहा कि बग्गा के ट्वीट में ऐसा कुछ नहीं था जो कोई आतंकी गतिविधि जैसा हो। ट्वीट में किसी की धार्मिक भावनाओं को भड़काने जैसा भी कुछ नहीं है।
अदालत ने FIR को निरस्त करने का आदेश दिया। याचिका में मोहाली के SAS नगर स्थित साइबर क्राइम थाने में IPC की धारा 153- A, 505, 505(2)और 506 के तहत दर्ज FIR को निरस्त करने की अपील की गई थी।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने @TajinderBagga के खिलाफ @PunjabPoliceInd की दर्ज FIR को रद्द किया। @ArvindKejriwal पर ट्वीट करने के मामले में पंजाब पुलिस ने मामला दर्ज किया था और गलत तरीके से गिरफ़्तार करने की कोशिश भी की थी। pic.twitter.com/GUA8mRcaLp
— Jitender Sharma (@capt_ivane) October 12, 2022
गिरफ्तार करने दिल्ली आ गई थी पंजाब पुलिस
‘द कश्मीर फाइल्स’ पर अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी के विरोध में भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में शामिल बग्गा का एक बयान वायरल हुआ था। उन्होंने कहा था कि केजरीवाल के माफ़ी माँगने तक भाजपा कार्यकर्ता उन्हें चैन से नहीं बैठने देंगे। 25 मार्च को बग्गा ने एक ट्वीट करते हुए लिखा था, “जब 10 लाख ह#मी मरते होंगे तो एक अरविंद केजरीवाल पैदा होता होगा।” बाद में उन्होंने कहा था कि 10 लाख को 10 करोड़ पढ़ा जाए।
इस बयान के आधार पर पटियाला में आप कार्यकर्ता राम कुमार झा ने FIR दर्ज करवाई थी। इस FIR के जवाब में बग्गा ने 27 मार्च 2022 को कहा था, “1 नहीं 100 FIR करना, लेकिन केजरीवाल अगर कश्मीरी हिंदुओ के नरसंहार को झूठा बताएगा तो मैं बोलूँगा। अगर केजरीवाल कश्मीरी हिंदुओ के नरसंहार पर ठहाके लगाएगा तो मैं बोलूँगा। चाहे उसके लिए मुझे जो अंजाम भुगतना पड़े, मैं तैयार हूँ। मैं केजरीवाल को छोड़ने नहीं वाला। नाक में नकेल डाल के रहूँगा उसके।”
बाद में इसी केस में SIT का गठन किया गया। मोहाली साइबर क्राइम थाने पर बग्गा के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें पकड़ने के लिए 6 मई 2022 को पंजाब पुलिस की टीम दिल्ली आई। बग्गा ने उस समय आरोप लगाया था कि लगभग 50 पुलिसकर्मी बिना वर्दी के एक दर्जन प्राइवेट वाहनों में थे। पुलिस वालों पर बग्गा और उनके पिता के साथ मारपीट और पगड़ी खींचने का आरोप लगा था। हालाँकि इस पुलिस टीम को हरियाणा पुलिस ने रास्ते में रोक लिया और बग्गा को वापस दिल्ली ले आया गया। इस दौरान पंजाब पुलिसकर्मियों पर दिल्ली में अवैध रूप से बग्गा की गिरफ्तारी का केस भी दर्ज हुआ था। 8 अप्रैल 2022 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को बग्गा के खिलाफ प्रयोग किए गए तौर तरीकों पर लताड़ भी लगाई थी।