Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजकेंद्र सरकार ने पंजाब से सबसे ज्यादा कपास और धान खरीदने का बनाया रिकॉर्ड:...

केंद्र सरकार ने पंजाब से सबसे ज्यादा कपास और धान खरीदने का बनाया रिकॉर्ड: आंदोलन में शामिल ‘किसानों’ ने भी जताई खुशी

“हमने इस सीजन में रिकॉर्ड खरीददारी की है। वास्तव में हमने पिछले 10-12 दिनों से फसल खरीदना बंद कर दिया है। जब कीमतें MSP के ऊपर बिक रही हों तो कोई आवश्यकता नहीं है। छोटे और सीमांत किसानों ने वैसे भी अपनी फसल हमें बेच दी है।”

पंजाब के प्रदर्शनकारी जहाँ एक तरफ तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड की तैयारी कर रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर पंजाब से चावल और कपास की उच्चतम खरीद का रिकॉर्ड दर्ज किया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI), जो कि केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय द्वारा शासित है, ने पंजाब में दिसंबर महीने में 85% कपास (कच्चा रुई) खरीदा है। दिसंबर के अंत तक 32.50 लाख क्विंटल में से 27.5 लाख क्विंटल कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर CCI द्वारा की गई थी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल यानी 2020 में राज्य में 52.50 लाख क्विंटल कपास का उत्पादन किया गया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, कपास की खेती करने वाले किसान राजवीर सिंह गोल्टा ने बताया कि उन्होंने 52 क्विंटल मीडियम लॉन्ग स्टेपल कपास (26.5-27 मिमी फाइबर लंबाई) को सीसीआई को बेचा और अक्टूबर के शुरुआती और मध्य दिसंबर के बीच अपनी फ़ाइबर फ़सल पर ₹ 5,665 प्रति क्विंटल का पूर्ण एमएसपी प्राप्त किया है। गोल्टा ने सरकार के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि समय पर एमएसपी रेट के अनुसार हुई बिक्री से उन्हें काफी मदद मिली है, क्योंकि उस समय बाजार मूल्य लगभग 4600- 4800 प्रति क्विंटल था।

किसान गोल्टा ने इस बात पर जोर दिया, “एमएसपी से ऊपर जाने वाली कीमतें केवल बड़ी खेती वाले किसानों को फायदा पहुँचाएँगी। लेकिन मुझे इस बात से ऐतराज नहीं है। मेरे लिए यह बातें अधिक मायने रखती हैं कि फसल कटाई के तुरंत बाद मंडी में अपनी फसल लाते समय मुझे एक सुनिश्चित मूल्य मिल रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “एमएसपी उन किसानों के लिए आवश्यक है, जिनके पास अपनी फसल को रोके रखने और कीमतों में वृद्धि की प्रतीक्षा करने में कोई दिक्कत नहीं है। हमें अपनी रसोई चलाने और अगली फसल बोने के लिए धन की आवश्यकता होती है।”

रिपोर्ट के अनुसार, गोल्टा और एक अन्य किसान तिवाना, जो 21 क्विंटल कपास बेच चुका है, दोनों किसानों के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए विरोध किया कि सरकार एमएसपी पर खरीद करे और पिछली बार सीसीआई ने देर से प्रवेश किया था, जिस वजह से निजी कंपनियों ने एमएसपी से नीचे की कपास खरीदी थी।

सरकारी इकाई द्वारा समय पर खरीद के कारण बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर कपास के मूल्य में बढ़त हुई है। इस वजह से छोटे किसानों को मदद मिली है, क्योंकि वे अब आधिकारिक एमएसपी 5,665 की तुलना में प्राइवेट 5800 प्रति क्विंटल के हिसाब से अपनी उपज निजी व्यापारियों और गिन्नर को बेचने में सक्षम हैं। बता दें इसी समय कापस (27.5-28.5 मिमी) की लंबी-स्टेपल वैरायटी अब 5900-5950 रुपए के हिसाब से 5725 प्रति क्विंटल के एमएसपी के मुकाबले बेची जा रही हैं।

कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) के एक अधिकारी ने इस बारे में बात करते हुए उल्लेख किया, “हमने इस सीजन में रिकॉर्ड खरीददारी की है। वास्तव में हमने पिछले 10-12 दिनों से फसल खरीदना बंद कर दिया है। जब कीमतें MSP के ऊपर बिक रही हों तो कोई आवश्यकता नहीं है। छोटे और सीमांत किसानों ने वैसे भी अपनी फसल हमें बेच दी है।” बहरहाल, सरकारी एजेंसियों ने 1,998 प्रति क्विंटल के एमएसपी पर पंजाब राज्य से 202.78 लाख टन धान खरीदा है।

गौरतलब है कि देश में गणतंत्र दिवस समारोह के हफ्ते भर पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि प्रदर्शनकारी 26 जनवरी को लाल किले से इंडिया गेट तक एक और जुलूस निकालेंगे और अमर जवान ज्योति पर तिरंगा भी फहराएँगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्व-घोषित किसान नेता राकेश टिकैत ने दावा किया कि यह एक ऐतिहासिक दृश्य होगा जहाँ एक तरफ किसान होंगे तो दूसरी तरफ जवान होंगे।

राकेश टिकैत की इस घोषणा के ठीक दो दिन पहले खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 1.8 करोड़ रुपए का इनाम देने का ऐलान किया था। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसानों को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि 26 जनवरी को इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले व्यक्ति को 1.8 करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -