राजस्थान के अलवर में मूक-बधिर नाबालिग के साथ दरिंदगी के मामले में पीड़ित पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस बलात्कार को हादसा बताने का दबाव डाल रही है। पुलिस की जाँच पर असंतोष जताते हुए पीड़ित पिता ने न्याय की माँग की है। कहा कि पुलिस यह स्वीकार करने के लिए दबाव डाला रही है कि हमारी बेटी एक दुर्घटना में घायल हो गई थी और उसके साथ बलात्कार नहीं किया गया था।
पीड़िता के पिता ने सोमवार (31 जनवरी 2022) को अलवर में मीडियाकर्मियों से कहा, “पुलिस हमें यह मानने के लिए मजबूर कर रही है कि यह एक दुर्घटना थी। हम डरे हुए हैं और केवल न्याय चाहते हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनसे कहा कि अगर वह इसे एक दुर्घटना के रूप में स्वीकार करते हैं तो उन्हें बहुत सारे पैसे मिलेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि जब लड़की को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने कहा कि यह बलात्कार का मामला है और उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहाँ उसकी सर्जरी की गई। पीड़िता के पिता ने बताया, “अब पुलिस अधिकारी हम पर दबाव डाल रहे हैं कि हम इसे एक दुर्घटना के तौर पर लें। हम पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। हमें फोरेंसिक जाँच की रिपोर्ट भी नहीं दी गई है।” अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम की ओर से अभी तक इन आरोपों को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
बता दें कि इस साल की शुरुआत में राजस्थान के अलवर जिले से नाबालिग से हैवानियत का मामला सामने आया था। वह बेहोशी की हालत में एक फ्लाईओवर पर मिली थी। शिवाजी पार्क थाना क्षेत्र में शाम करीब आठ बजे नाबालिग मूक-बधिर को बलात्कार के बाद तिजारा पुलिया पर फेंक दिया गया था। उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुँच कर लड़की को गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुँचाया था।