Sunday, November 17, 2024
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‘ऐ मेरे अल्लाह, हिंदुस्तान में बसने वाली जातियों का खात्मा जल्द फरमा’: राजस्थान के आरिफ ने हमास-इजरायल के बहाने किया हिन्दुओं के नरसंहार का ऐलान, इंस्टा पर 92000 फॉलोवर्स

"संघी ठग पहले से ही इजराइल में जो हुआ उसके बाद भयभीत हैं। दुनिया ने देखा कि इज़राइल, जिसे आप प्रचुर सुरक्षा और हथियारों के साथ एक प्रमुख शक्ति मानते थे, को फ़िलिस्तीनी मुसलमानों द्वारा कुत्तों की तरह मार डाला गया।''

फ़िलिस्तीन और इज़राइल के बीच चल रहे संघर्ष के बीच पूरी दुनिया के मुस्लिम हमास के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं। हमास द्वारा बेरहमी से मरे गए इजरायलियों की मौत का जश्न अधिकांश देशों में मुस्लिमों ने सड़क पर उतरकर मनाया। ऐसे में भारत में भी कट्टरपंथी पीछे नहीं हैं। वे इजराइल में हुए रक्तपात पर खुशी मना रहे हैं और भारत में हिंदुओं के खिलाफ इसी तरह के अत्याचार करने के मंसूबे पाले हुए हैं। वे अपनी कौम के दूसरे मुस्लिमों को हिंदुओं की हत्या के लिए उकसाने के लिए बार-बार नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं

ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है राजस्थान के आरिफ नशरियात का, जो खुलेआम यहूदियों की तरह हिंदुओं के खून की वकालत कर रहा है। इंस्टाग्राम पर उसके लगभग 92 हजार फॉलोअर्स हैं और यूट्यूब पर पैंतीस हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और वह अक्सर अपने दर्शकों को जिहाद के लिए हथियार उठाने के लिए प्रेरित करता है। 

मुस्लिमों को हिन्दुओं के नरसंहार के लिए अपने हालिया वीडियो में आरिफ नशरियात ने कहा, ”जिन संघियों ने इकबाल, नासिर, जुनैद, वारिस और तबरीज़ की हत्या की और बसों, बाजारों, मस्जिदों, जंगलों और जेलों में मुसलमानों की हत्या की, मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूँ कि वे अधिक से अधिक मुसलमानों को मारें। जैसा कि वे जानवरों की तरह चाहते हैं, लेकिन यह ध्यान में रखना चाहिए कि जब पैगंबर मुहम्मद का गुलाम चिल्लाएगा, तो वह पहाड़ों को हिला देगा।”

यहाँ यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आरिफ ने वीडियो में जो नाम गिनाएँ हैं वे चोरों और गौ तस्करों के नाम थे और न्याय सुनिश्चित करने के लिए कानून अपना काम कर रहा है। दिलचस्प बात यह है कि उसने  अपने आरोपों का कोई सबूत नहीं दिया, क्योंकि वास्तव में, हिंदू ही हैं जिन्होंने मुसलमानों के हाथों अपनी जान गँवाई है, चाहे इस्लामी आतंकवाद के परिणामस्वरूप, हिंदुओं और उनके धार्मिक जुलूसों पर लगातार हमले या लव जिहाद के कारण, वजह कुछ भी हो। 

राजस्थानी मुस्लिम आरिफ ने इजराइल में निर्दोष नागरिकों की दिल दहला देने वाली मौतों के लिए अपनी ख़ुशी का इजहार  किया और दावा किया, “आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और संघी ठग पहले से ही इजराइल में जो हुआ उसके बाद भयभीत हैं। दुनिया ने देखा कि इज़राइल, जिसे आप प्रचुर सुरक्षा और हथियारों के साथ एक प्रमुख शक्ति मानते थे, को फ़िलिस्तीनी मुसलमानों द्वारा कुत्तों की तरह मार डाला गया।”

उसने आगे कहा, “जिस तरह से आप भारतीय मुसलमानों को प्रताड़ित कर रहे हैं, सहाबा (इस्लाम के पैगंबर के साथी) को मक्का में काफिरों द्वारा बहुत अधिक प्रताड़ित किया गया था। हालाँकि, उन्होंने अल्लाह का कहर बनकर जवाबी कार्रवाई की और आप उमर के इतिहास और अली की तलवार से वाकिफ हैं। उमर और अली दोनों रशीदुन ख़लीफ़ा के ख़लीफ़ा थे, जो इस्लामी पैगंबर के उत्तराधिकारी के रूप में पहले  ख़लीफ़ा थे।

वहीं एक दूसरे वीडियो में वह इंटरनेट, गूगल और फेसबुक पर भड़ास निकालता नजर आ रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड इराक) सहित दुनिया भर के कई कट्टरपंथी खिलाफत को बहाल करना चाहते हैं जहाँ मुस्लिम शासक हैं और काफिर या तो धर्म परिवर्तन करते हैं, गुलामी में रहते हैं या अपनी जान गँवा देते हैं।

आरिफ नशरियात ने हमास से जुड़े हमलावरों द्वारा किए गए जघन्य अपराधों पर खुशी जाहिर की और पोस्ट किया, “मेरे अल्लाह, आपने हम मुसलमानों के दिलों को बहुत शांति दी है। फ़िलिस्तीन के मुसलमानों को भी इसी प्रकार सफलता प्रदान करें और भारत में रहने वाले अत्याचारियों का भी शीघ्र अंत करें। आमीन।”

वहीं आरिफ नशरियात ने एक अन्य क्लिप में दावा किया कि पैगंबर मुहम्मद के दो दुश्मन थे, काफिर जो उन पर खुलेआम हमला करते थे और दूसरे धार्मिक पाखंडी जो उनकी पीठ पीछे भी ऐसा ही करते थे। “भारतीय मुसलमानों के भी दो विरोधी हैं। एक है बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) जो उन्हें सार्वजनिक तौर पर निशाना बनाती है और दूसरी कॉन्ग्रेस है जो छुपकर ऐसा करती है। जो भारतीय मुस्लिम इन पार्टियों का समर्थन करते हैं उन्हें समझ लेना चाहिए कि या तो वे काफिरों के साथ हैं या धार्मिक पाखंडियों के साथ। यदि मुस्लिमों का अंत भाजपा या कॉन्ग्रेस के साथ रहकर होता है तो यह काफिर या धार्मिक पाखंडी का होगा।”

उन्होंने गैर-मुसलमानों के प्रति अपनी घृणा व्यक्त करते हुए मुस्लिमों से पूछा, “इस्लाम में कहाँ कमी रह गई कि आप अपने लाभ के लिए इन राजनीतिक दलों में शामिल होना चाहते हैं? क्या पैगंबर कभी काफ़िरों या धार्मिक पाखंडियों के साथ जुड़े थे? आप किस तरह के इस्लाम का पालन करते हैं।” 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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