मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने हाल ही में रिलीज हुई अपनी पुस्तक ‘लेट मी से इट नाउ’ में कई बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने इसी पुस्तक में बताया है कि कैसे अजमल कसाब को हिन्दू साबित करने की पूरी तैयार थी, जिससे 26/11 मुंबई हमले को ‘भगवा आतंकवाद’ का रंग दिया जाए। इसके बाद से कॉन्ग्रेस पर कई आरोप लगने शुरू हो गए थे, क्योंकि उस समय यूपीए-2 की सरकार थी। मारिया ने अपनी क़िताब में अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर अबू सलेम के बारे में भी बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए बताया है कि अगर वो उस समय ठीक फ़ैसला लेते तो अबू सलेम डॉन नहीं बन पाता।
या मामला तब का है, जब अवैध हथियारों को रखने के आरोप में बॉलीवुड के अभिनेता संजय दत्त से पूछताछ हुई थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि संजय दत्त के पास हथियार आए थे और उनमें से कुछ उन्होंने ख़ुद भी रख लिया था। जाँच के दौरान बांद्रा के माउंट मैरी के पास रहने वाली जेबुनिसा काजी नामक महिला का नाम सामने आया। संजय दत्त के पास से हथियार लाकर उसके पास ही रखे गए थे। मारिया ने जेबुनिसा को भी पूछताछ के लिए बुलाया। हालाँकि, जेबुनिसा ने पुलिस स्टेशन में ही रोना शुरू कर दिया। वो अपनी तीन बेटियों का हवाला देकर ख़ुद के निर्दोष होने की बात करने लगी।
वो ख़ुद को काफ़ी मासूम दिखा रही थी। दुर्भाग्य से तब डिप्टी कमिश्नर रहे राकेश मारिया उसकी बातों में आ गए। उसे जाने दिया गया। इसके बाद उस व्यक्ति से पूछताछ की गई, जिसकी गाड़ी में हथियार लाया गया था। उसका नाम मंजूर अहमद था, जिसने पुलिस को बताया कि जेबुनिसा मासूम नहीं है। उसने ही बताया कि जेबुनिसा इस वारदात में शामिल थी और उसने अपने आँसुओं से पुलिस को चकमा दे दिया। राकेश मारिया को तब अपनी ग़लती का एहसास हुआ लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। ज़ेबुसिना को पुलिस ने दोबारा शिकंजे में लिया, लेकिन तब तक उसने अपना काम कर दिया था।
Ex-Mumbai top cop Rakesh Maria recalls ‘terrible Abu Salem mistake’ in book, rues falling for ‘woman’s tears’.https://t.co/JOKbaLdV0o
— TIMES NOW (@TimesNow) February 19, 2020
उसे पूछताछ के बाद तुरंत जाकर अबू सलेम को सारी बातें बता दी थी। अबू सलेम वहाँ से सीधा नेपाल पहुँचा और बाद में दुबई से अपना कारोबार चलाने लगा। वह वहीं से व्यापारियों और फ़िल्मी हस्तियों से वसूली करता। दोबारा पूछताछ के दौरान राकेश मारिया ने जेबुनिसा को तमाचा जड़ने का मन बनाया, लेकिन उसने तुरंत सब कुछ बक दिया। दुबई जाकर अबू सलेम ने अंडरवर्ल्ड में और गहरी पैठ जमाई, जिसके बाद मुंबई में उसकी तूती बोलने लगी। वह 2002 तक बेख़ौफ़ होकर अपराधों को अंजाम देता रहा।