श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुए भूमि सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों का कठोरता से खंडन किया है। गिरि ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि खुद को राजनीतिक या धार्मिक शख्सियत बताने वाले कुछ लोग गलत भावनाओं के तहत अफवाहें फैलाकर राम मंदिर निर्माण में बाधा पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि पिछले 15-20 दिनों से कुछ लोग विभिन्न चैनलों के जरिए अयोध्या में भूमि सौदों में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने इन आरोपों के बीच स्पष्ट किया कि मंदिर की जमीन के आसपास की जमीनों के अधिग्रहण के कई कारण हैं। इसमें वास्तु के साथ-साथ भव्य मंदिर का निर्माण पूरा होने और दर्शन के लिए खुलने के बाद बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के सुविधा को ध्यान में रखते हुए भवन निर्माण की योजनाएँ शामिल हैं।
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के माननीय कोषाध्यक्ष स्वामी श्री गोविंद देव गिरी जी का प्रेस वक्तव्य
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) July 2, 2021
Press Statement of Shri Govind Dev Giriji Maharaj, Treasurer of Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra Trust. pic.twitter.com/1A2JdoB9wC
प्रेस नोट में उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों तक वह लगातार वकीलों और चार्टर्ड एकाउंटेंट के साथ मिलकर भूमि खरीद सौदे के सभी कागजातों की अच्छी तरीके से जाँच की है। भूमि के सौदों में कहीं भी कोई कमी नहीं पाई गई है।
स्वामी गिरि ने आश्वस्त किया है कि जितनी भी जमीनों का अधिग्रहण ट्रस्ट की ओर से किया गया है, उन सभी को बाजार दरों से कम कीमत पर खरीदा गया है। पैसे का लेनदेन बैंकों के जरिए कानूनी और पारदर्शी तरीके से किया गया है। उन्होंने कहा, “अगर आरोप लगाने वाले लोग हमें उसी स्थान पर इससे भी सस्ती जमीन दिलाने में मदद कर सकते हैं, तो ट्रस्ट उनका कृतज्ञ रहेगा।”
ट्रस्ट को बदनाम करने के लिए फैलाई जा रही अफवाहों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कोषाध्यक्ष ने कहा कि ऐसा करके भक्तों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि विपक्ष के लोग बदले की भावना से इस तरह की अनर्गल अफवाहों को फैलाकर राम मंदिर के निर्माण की गति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि भगवान श्रीराम मंदिर का काम पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ चलता रहेगा।”
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने किया था जमीनों का अधिग्रहण
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने ‘विवादित जमीन’ को ट्रस्ट को सौंपा था। जबकि, इसके आसपास आसपास की जमीनों के मालिक दूसरे लोग हैं। ऐसे में विभिन्न सुविधाओं के निर्माण के लिए मंदिर के ट्रस्ट ने निजी तौर उन जमीनों का अधिग्रहण किया है, ताकि बाहर से आने वाले भक्तों की सुविधा का ख्याल रखा जा सके।
इसी को देखते हुए इसी साल मार्च 2021 में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए जमीनों की खरीद का सौदा किया। इसके तहत 18.5 करोड़ रुपए की लागत से 1.208 हेक्टेयर जमीन ट्रस्ट ने खरीदने का निर्णय लिया। इसमें से एक जमीन सुल्तान अंसारी की थी और दूसरी रवि मोहन तिवारी से खरीदी गई। अंसारी और दूसरे लोगों ने वही जमीन कुसुम पाठक से 2 करोड़ रुपए में खरीदी थी।
AAP ने शुरू किया था विवाद, सपा और कॉन्ग्रेस ने उसे आगे बढ़ाया
मंदिर पर घोटाले का आरोप लगाने के लिए आम आदमी पार्टी ने अंसारी और कुसुम के बीच हुए पुराने लेन-देन और और अंसारी व ट्रस्ट के बीच हुए समझौते का हवाला दिया था। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अपने महासचिव चंपत राय के जरिए जमीन को बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर खरीदा था। इसी तरह के आरोप सपा नेता पवन पांडेय ने भी लगाए थे।
कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ट्विटर पर हैशटैग ‘राम मंदिर घोटाला’ को ट्रेंड कराया। उन्होंने लिखा कि भगवान राम न्याय करते हैं और उनके नाम पर घोटाला ‘अधर्म’ है। इसके बाद कॉन्ग्रेस ने भी यही आरोप लगाया।
ऑपइंडिया ने आप, सपा और कॉन्ग्रेस के झूठ की पोल खोली
जमीन सौदे को लेकर मचे घमासान के बीच 14 जून 2021 को ऑपइंडिया ने सबूतों और हमारे द्वारा जुटाए गए दस्तावेजों के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा भूमि सौदे के बारे में सच्चाई को सामने रखा गया था।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी जारी किया स्पष्टीकरण
जमीन खरीद पर हो रही राजनीति के बीच 15 जून 2021 को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पूरे जमीन सौदे को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया। ट्रस्ट ने सौदों का विवरण देते हुए विरोधियों के बे सिर पैर के आरोपों को खारिज कर दिया।