अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के मद्देनजर 1 जून को गर्भगृह का पूजन किया जाएगा। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) गर्भ गृह में शिला की पूजा करेंगे। इसके बाद से यहाँ पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसके तहत 5 दिवसीय अनुष्ठान किया जा रहा है। बीते दो साल में राम मंदिर की नीव और उसकी प्लिंथ (कुर्सी) का काम किया गया।
इस कार्यक्रम के मौके पर रामलला के दोनों गर्भगृहों को 10 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा। इसके तहत रामलला के वैकल्पिक गर्भगृह समेत उनके मूल गर्भगृह को फूलों से सुसज्जित किया जाएगा। इस कार्य की जिम्मेदारी ऐसे मौकों पर साज-सज्जा के मशहूर आशीष मिश्र की टीम को सौंपी गई है। इससे पहले जून 2020 में जब राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ था तो उस दौरान भी इसकी जिम्मेदारी आशीष मिश्र को ही मिली थी। यहीं नहीं, पिछले साल 29 अगस्त को भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अयोध्या दौरे पर उन्होंने ने ही गर्भगृह को सजाया था।
आशीष मिश्र का कहना है कि हर बार की तरह इस बार भी वो सजावट में गेंदा, लाल एवं हल्का गुलाबी गुलाब, सफेद एवं बैंगनी डहेलिया, नीला शंख पुष्प आदि का ही इस्तेमाल करेंगे।
क्या बोले चंपत राय
इस कार्यक्रम को लेकर श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष चंपत राय कहते हैं कि मंदिर को नक्काशीदार पत्थरों से बनाया जाएगा। इन पत्थरों का रंग हल्का गुलाबी होगा। बीते दो सालों में तो केवल मंदिर की कुर्सियों को भरने का काम किया गया है। संभावना है कि ये काम अभी सितंबर तक चलेगा। गर्भगृह की कुर्सी भरी जा चुकी है और अब मंदिर के पश्चिमी कोने से नक्काशीदार पत्थरों को लगाना शुरू किया जाएगा। गर्भगृह की चौड़ाई और लंबाई दोनों ही 20 फीट की है।
इसकी बाहरी दीवार 6 फुट मोटी है। इसकी ठीक पीछे की दीवार को महापीठ कहा जाता है, जिसकी पूजी सीएम योगी करेंगे। उन्होंने कहा कि 2024 में मकर संक्रांति के बाद मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। इससे पहले दिसंभर 2023 में ही इसकी तैयारी थी, लेकिन खरमास के कारण ऐसा संभव नहीं हो रहा है।