Friday, October 25, 2024
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बबलू मियाँ ने 7 साल की बच्ची का रेप किया, फिर जिंदा ही जला डाला: पश्चिम बंगाल पुलिस पर लापरवाही के आरोप, केस को नहीं लिया गंभीरता से

पुलिस अधीक्षक वाई. रघुवंशी के मुताबिक, बच्ची के शरीर पर खरोंच के निशान मिले हैं, जिससे ये संकेत मिलता है कि उसने रेप और हत्या के समय संघर्ष किया था।

पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के जयगांव शहर में सात साल की एक मासूम बच्ची के साथ हैवानियत का ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहाँ चाउमिन खिलाने के बहाने बच्ची का अपहरण किया गया, फिर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और अंत में उसे जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिया गया। इस मामले में बबलू मियाँ मुनीर को नेपाल सीमा के पास से पकड़ा गया है, वो फरार हो गया था।

पुलिस ने सीसीटीवी सर्विलांस और मुखबिरों का जाल बिछाकर बबलू मियाँ मुनीर को पकड़ा, क्योंकि वो मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता था, इसलिए उसे ट्रैक नहीं किया जा सका। इस घटना ने पूरे जयगांव को आक्रोशित कर दिया है, जहाँ सड़कों पर जनसमूह न्याय की गुहार लगा रहा है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा की माँग कर रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्ची पिछले सप्ताह गायब हुई थी। बच्ची के घर वालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करवाई थी। बच्ची का कोई सुराग न मिलने पर उसके परिवार के साथ-साथ पूरे इलाके में निराशा फैल गई थी। मंगलवार (22 अक्टूबर 2024) को अचानक शहर में खबर फैली कि मासूम का जला हुआ शव एक सुनसान स्थान से बरामद हुआ।

तीन आरोपितों की गिरफ्तारी, बबलू मियाँ मुनीर मुख्य आरोपित

पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपित बबलू मियाँ मुनीर का नाम सामने आया है। पुलिस के मुताबिक, बच्ची के शरीर पर मिले खरोंच के निशान और आरोपित के शरीर पर चोट के निशान से दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। एसडीपीओ प्रसांत देबनाथ और पुलिस अधीक्षक वाई रघुवंशी ने मीडिया को बताया कि इस मामले में फोरेंसिक टीम की भी मदद ली जा रही है और आरोपित का डीएनए टेस्ट भी कराया जा रहा है ताकि यह पुख्ता सबूत के रूप में काम आए।

पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले बबलू मियाँ को गिरफ्तार किया, जो बच्ची के परिवार से परिचित था और आठ दिन पहले उसे अपने साथ लेकर गया था। इसके बाद पुलिस ने दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया। ये तीनों अब पुलिस रिमांड में हैं और उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में बबलू मियाँ ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिससे पता चला कि बच्ची का पहले अपहरण किया गया था और उसे एक सुनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म किया। बताया जा रहा है कि उसने बच्ची को जिंदा ही जला दिया।

जयगांव में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस लगातार शांति बनाए रखने की अपील कर रही है, लेकिन लोग दोषियों के खिलाफ तत्काल न्याय चाहते हैं। लोगों ने अपनी दुकानों को बंद कर दिया और सड़क पर उतरकर न्याय की गुहार लगाई। प्रदर्शनकारियों ने दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की माँग करते हुए पुलिस स्टेशन के बाहर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति ने कहा, “यह घटना हमारी बेटी के साथ ही नहीं, हमारी इंसानियत के साथ भी हुई है। जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, हम चुप नहीं बैठेंगे।”

घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का मानना है कि बच्ची के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। कई दिनों तक पुलिस कोई सुराग नहीं जुटा पाई थी, और जब शव मिला, तब ही हरकत में आई।

आरोपित बबलू मियाँ मुनीर को पकड़ने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने एक सीसीटीवी फुटेज में उसे बच्ची को अपने साथ ले जाते हुए देखा, और इस सुराग के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया। आखिरकार, आरोपित बबलू मियाँ को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, बबलू नेपाल भागने की फिराक में था, लेकिन समय पर पकड़ा गया।

इस घटना को लेकर भाजपा के दार्जिलिंग सांसद राजू बिष्ट ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था बुरी तरह से बिगड़ चुकी है। वह घटना के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका, जिससे लोगों में और गुस्सा फैल गया। भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि सरकार ऐसी घटनाओं में शामिल अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही है।

पुलिस अधीक्षक वाई रघुवंशी के मुताबिक, बच्ची के शरीर पर खरोंच के निशान मिले हैं, जिससे ये संकेत मिलता है कि उसने रेप और हत्या के समय संघर्ष किया था। डीएनए टेस्ट से आरोपितों के खिलाफ मजबूत सबूत मिलेंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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