Saturday, October 12, 2024
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दिल्ली की जिस Rau IAS के बेसमेंट में डूबकर मर गए 3 छात्र, उस एकेडमी के CEO और कोर्डिनेटर को मिली जमानत: ₹2.5 करोड़ जमा करने का आदेश

अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि दिल्ली में अवैध रूप से संचालित सभी कोचिंग सेंटरों की जाँच की जाए, खासकर उन केंद्रों की जो बिना मंजूरी के बेसमेंट में चल रहे हैं।

दिल्ली के राजेंद्र नगर में स्थित राव IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में जलभराव के कारण तीन UPSC अभ्यर्थियों की मौत के मामले में कोचिंग सेंटर के CEO अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को 7 दिसंबर 2024 तक अंतरिम जमानत मिल गई है। इस दौरान उन्हें 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास जमा करना होगा। घटना 27 जुलाई 2024 की है, जब भारी बारिश के बाद बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्र डूब गए थे।

राउज एवेन्यू कोर्ट की प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज अंजू बजाज चंदना ने इस मामले में CEO अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को जमानत दी। इसके साथ ही अदालत ने एक शर्त लगाई है कि अभिषेक गुप्ता को 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना जमा करना होगा, जो 30 नवंबर 2024 तक दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के नियंत्रण में रेड क्रॉस सोसाइटी को दिया जाएगा।

यह मामला 27 जुलाई 2024 का है, जब दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर इलाके में स्थित राव के IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में तीन UPSC अभ्यर्थियों की डूबने से मौत हो गई थी। भारी बारिश के बाद इलाके में जलभराव हो गया था, जिससे बेसमेंट में पानी भर गया था। यह बेसमेंट कोचिंग सेंटर के रूप में उपयोग हो रहा था, जो नियमों के अनुसार अवैध था।

इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में चार जमीन मालिकों को भी जमानत दी थी, जिन्होंने इस अवैध बेसमेंट को कोचिंग सेंटर के रूप में उपयोग करने की अनुमति दी थी। हाई कोर्ट ने इन चार मालिकों को 5 करोड़ रुपये का जुर्माना रेड क्रॉस सोसाइटी में जमा करने का आदेश दिया था। अदालत ने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर से एक समिति बनाने का भी अनुरोध किया था, जो रिटायर्ड हाई कोर्ट जज की निगरानी में दिल्ली में सभी अवैध कोचिंग सेंटरों पर रोक लगाने का काम करेगी, खासकर उन केंद्रों पर जो बेसमेंट में संचालित हो रहे हैं।

हाई कोर्ट ने इस मामले में CBI को निर्देश दिया कि वह इलाके में जलभराव की स्थिति और उस दिन की बारिश का डेटा जमा करे। इससे यह पता चल सके कि इतनी गंभीर घटना के पीछे मुख्य कारण क्या थे। यह भी सामने आया कि कोचिंग सेंटर का संचालन अवैध था, क्योंकि बिना अनुमति के बेसमेंट का उपयोग किया जा रहा था।

ट्रायल कोर्ट ने पहले चार जमीन मालिकों की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उनकी जिम्मेदारी इस अवैध कोचिंग सेंटर के संचालन से जुड़ी है। जमीन मालिकों ने बेसमेंट कोचिंग सेंटर के लिए अवैध रूप से किराए पर दिया था, जिससे छात्रों की सुरक्षा में लापरवाही हुई और इस त्रासदी का कारण बना।

राव IAS स्टडी सर्कल की इस घटना के बाद दिल्ली के अन्य कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा और वैधता पर भी सवाल उठने लगे। एक और लोकप्रिय कोचिंग सेंटर, दृष्टि IAS, को भी सुरक्षा मानकों की कमी के कारण सील कर दिया गया। यह मामला उन समस्याओं को उजागर करता है जो दिल्ली के राजेंद्र नगर जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में अवैध कोचिंग सेंटरों के संचालन से उत्पन्न होती हैं। UPSC की तैयारी करने वाले हजारों छात्र इस इलाके में रहते हैं और विभिन्न कोचिंग सेंटरों में अध्ययन करते हैं, लेकिन इन सेंटरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।

इस मामले में दोनों आरोपितों को फिलहाल जमानत मिल चुकी है, लेकिन उनके खिलाफ जाँच और कानूनी कार्यवाही जारी है। कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि इस मामले में जुड़े सभी पक्षों पर जुर्माना लगाया जाए और यह धनराशि रेड क्रॉस सोसाइटी में जमा कराई जाए। साथ ही, हाई कोर्ट की दिशा में बने इस समिति के तहत सभी अवैध कोचिंग सेंटरों पर नजर रखी जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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