तारीख थी 9 अगस्त 2019 की। ‘डरा हुआ शांतिप्रिय नैरेटिव’ गढ़ने में शुमार रहे फिल्मकार अनुराग कश्यप ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया था। यह कहते हुए कि “आप सभी की ख़ुशी और सफलता की कामना करता हूँ। यह मेरा आख़िरी ट्वीट है क्योंकि मैं ट्विटर अकाउंट डिलीट कर रहा हूँ। जब मुझे मेरे दिमाग में जो चल रहा है वो बिना डर के बोलने नहीं दिया जाएगा तो बेहतर है मैं कुछ भी ना बोलूँ। गुड बॉय।” यह कदम उन्होंने नेटफ्लिक्स पर सेक्रेड गेम्स का दूसरा सीजन रिलीज होने से पहले उठाया था।
लेकिन, जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसा होते ही उन्होंने ट्विटर से अपना स्वयंभू निर्वासन समाप्त कर दिया है। आते ही अपने मनपसंद काम में जुट गए हैं। ‘डरा हुआ शांतिप्रिय’ को बचाने के लिए मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस पर भड़ास निकाली है। उनके साथ स्वरा भास्कर सहित बॉलीवुड का पूरा सिकुलर गैंग मोर्चे पर लग गया है।
जामिया के छात्रों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों की निंदा करते हुए अनुराग कश्यप लिखते हैं, “अब बहुत हो चुका… और ज्यादा खामोश नहीं बैठ सकता। ये बहुत फासीवादी सरकार है… मुझे बहुत गुस्सा आता है इस बात पर कि वो लोग जो बदलाव ला सकते हैं वे खामोश बैठे हैं।”
This has gone too far.. can’t stay silent any longer . This government is clearly fascist .. and it makes me angry to see voices that can actually make a difference stay quiet ..
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) December 16, 2019
सोशल मीडिया पर वायरल होती तस्वीरों और वीडियोज़ से आहत तापसी पन्नू ने पूछा है ये शुरुआत है या अंत। वे लिखती हैं, “आश्चर्य है कि यह एक शुरुआत या अंत है। चाहे जो भी हो, निश्चित तौर पर इससे कानून के नए नियम लिखे जा रहे हैं, जो इसमें फिट नहीं है वह बहुत अच्छे से इसका परिणाम देख सकता है। इस वीडियो ने सबका दिल और उम्मीद एक साथ तोड़ा है। अपरिवर्तनीय क्षति, और मैं सिर्फ जीवन और संपत्ति के बारे में बात नहीं कर रही हूँ।”
जामिया में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ हुई हिंसा के मुद्दों पर मनोज वाजपेयी ने ट्वीट कर कहा, “ऐसा वक्त हो सकता है जब हम अन्याय को रोकने के लिए शक्तिहीन होते हैं, लेकिन किसी भी समय ऐसा नहीं होना चाहिए जब हम विरोध करने में विफल हों। विरोध करने के लिए छात्रों और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के साथ हूँ! मैं प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ हिंसा की निंदा करता हूँ!!!”
There may be times when we are powerless to prevent injustice, but there must never be a time when we fail to protest.
— manoj bajpayee (@BajpayeeManoj) December 16, 2019
With the students and their democratic rights to protest ! I condemn violence against protesting students!!!!!
फिल्म निर्देशक सुधीर मिश्र ट्वीट कर लिखते हैं, “साल 1987 में मैंने एक फिल्म बनाई थी, जिसका नाम ‘ये वो मंजिल तो नहीं’ था। इस फिल्म की पृष्ठभूमि थी कि क्लाइमेक्स में पुलिस कॉलेज कैंपस के अंदर प्रवेश करती है और बच्चों को मारती है। अब भी कुछ नहीं बदला। ये जानना भयावह है फूल मसल दिए गए हैं।” वहीं फिल्म एक्ट्रेस कोंकाणा सेन भी लिखती हैं कि वो छात्रों के साथ हैं और दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए।
इधर, कम से समय में बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाने वाले राजकुमार राव लिखते हैं, “पुलिस ने छात्रों के साथ व्यवहार में जो हिंसा दिखाई, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूँ। लोकतंत्र में नागरिकों को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है। मैं सार्वजनिक संपत्तियों के विनाश के किसी भी प्रकार के कार्य की निंदा करता हूँ। हिंसा किसी भी चीज का हल नहीं है।”
I strongly condemn the violence that the police have shown in dealing with the students. In a democracy the citizens have the right to peacefully protest.I also condemn any kind of act of destruction of the public properties. Violence is not the solution for anything!
— Rajkummar Rao (@RajkummarRao) December 16, 2019
हाल ही में आर्टिकल 15 को लेकर चर्चा में रहे आयुष्मान खुराना लिखते हैं, “स्टूडेंट जिस दौर से गुजर रहे हैं, उसे देखकर मैं बहुत विचलित हूँ। मैं इसकी निंदा करता हूँ। हम सभी को प्रोटेस्ट करने का अधिकार है। पर किसी भी प्रकार से प्रोटेस्ट वायलेंट नहीं होना चाहिए और सार्वजनिक संपत्तियों का ख्याल रखना चाहिए। यह गलत है। प्यारे देश वासियों यह गाँधी की भूमि है। अहिंसा अपनी चीजों को एक्सप्रेस करने का तरीका होना चाहिए। डेमोक्रेसी में हमारी आस्था होनी चाहिए।”
This!?? ?? pic.twitter.com/X8qj9sCdEO
— Ayushmann Khurrana (@ayushmannk) December 16, 2019
अक्सर सरकार की नीतियों से असहमत रहने वाली स्वरा भास्कर इस विषय पर लिखती हैं कि दिल्ली के जामिया में आँसू गैस के गोले छोड़े गए। कई छात्रों के साथ अपराधियों के जैसा सलूक किया जा रहा है? हॉस्टलों में आँसू गैस छोड़ी जा रही है? दिल्ली पुलिस ये क्या चल रहा है? ये सब हैरान करने वाला और शर्मनाक है। आपको शर्म आनी चाहिए दिल्ली पुलिस।
Shocking messages of violence, tear gassing from #Jamia in #Delhi ! Why are students being treated like criminals? Why are hostels being tear gassed.. ??? What is going on #DelhiPolice ???? Shocking and shameful! #CABProtests
— Swara Bhasker (@ReallySwara) December 15, 2019
अली फजल इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखते हैं, ” मेरे बहुत सारे साथी हैं जो इस पर नहीं बोल रहे। लेकिन मैं दुआ करता हूँ कि हमें जल्द से जल्द एहसास हो कि इंसानियत से ऊपर कोई जॉब कोई करियर नहीं हैं। इसलिए अपनी राजनैतिक विचारधारों से परे अभी सोचो! और समय कम है इसलिए जल्दी प्रतिक्रिया दो।”
Its funny,i felt hey ali lets play it safe all these years. And now i cant. a lot of my colleagues may not speak up at all.But i pray we all realise there is no job no career above humanity. socho, aur time kam hai toh act fast.irrespective of your political ideologies right now
— Ali Fazal M / میر علی فضل / अली (@alifazal9) December 16, 2019
बता दें इस छात्रों के समर्थन में आकर दिल्ली पुलिस की निंदा करने वालों की सूची में विक्की कौशल भी शामिल हैं। जिन्होंने अपने ट्वीट के जरिए चिंता व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, “जो हो रहा है वह ठीक नहीं है। जिस तरह से ये हो रहा है वो भी ठीक नहीं है। लोगों को शांतिपूर्वक अपनी राय रखने का पूरा अधिकार है। यह हिंसा और व्यवधान दोनों दुखद है और एक साथी नागरिक होने के नाते उसी के विषय के बारे में है। किसी भी परिस्थिति में, लोकतंत्र से हमारा विश्वास नहीं टूटना चाहिए।”
What is happening is not okay. The way it’s happening is not okay. People have every right to peacefully voice their opinion. This violence and disruption is both saddening and concerning as a fellow citizen. In no circumstance, must our faith in democracy be shaken. ??
— Vicky Kaushal (@vickykaushal09) December 16, 2019