Saturday, April 20, 2024
Homeदेश-समाजअंग्रेजी गीत की जगह 'वंदे मातरम' से होगा गणतंत्र दिवस का समापन, सरकार का...

अंग्रेजी गीत की जगह ‘वंदे मातरम’ से होगा गणतंत्र दिवस का समापन, सरकार का फैसला

रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि वे केवल इस समारोह में नई धुनों को शामिल कर रहे हैं। जो कि एक सामान्य बदलाव है। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि इस बदलाव से स्वदेशी और देशभक्ति की भावना बलवती होगी।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाले तीन दिवसीय समारोह के अंतिम दिन विजय चौक पर आयोजित होती आई बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में बदलाव की खबर है। बताया जा रहा है कि अब बीटिंग रिट्रीट समारोह ‘वंदे मातरम’ की धुन के साथ समाप्त होगा। बता दें इससे पहले तक समारोह का समापन महात्मा गाँधी के पसंदीदा ईसाई गीत ‘एबाइड विद मी’ के साथ होता रहा है जिसे स्कॉटिश हेनरी फ्रांसिस लाइट ने लिखा था।

डेक्कन हेरॉल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि वे केवल इस समारोह में नई धुनों को शामिल कर रहे हैं। जो कि एक सामान्य बदलाव है। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि इस बदलाव से स्वदेशी और देशभक्ति की भावना बलवती होगी।

बीटिंग रिट्रीट समारोह में क्या होता है?

बीटिंग रिट्रीट का आयोजन राजधानी दिल्ली में रायसीना हिल स्थित विजय चौक पर मिलिट्री बैंड द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह के तीसरे दिन 29 जनवरी की शाम को आयोजित किया जाता है। यह 26 जनवरी को शुरू हुए समारोह के समाप्‍त होने का सूचक है। इस दौरान थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड सैन्य-धुन बजाते हैं। समारोह के दौरान प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित देश-विदेश के गणमान्य अतिथि मौजूद रहते हैं। लेकिन इस बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि सीडीएस भी मौजूद रहेंगे।

कहाँ से आई परंपरा?

बीटिंग रिट्रीट की परंपरा इंग्लैंड से आई है। इसका असल नाम “वॉच सेटिंग” है और सूरज डूबने के समय यह समारोह होता है। 18 जून 1690 में इंग्‍लैंड के राजा जेम्‍स टू ने अपनी सेनाओं को उनके ट्रूप्‍स के वापस आने पर ड्रम बजाने का आदेश दिया था। सन 1694 में विलियम थर्ड ने रेजीमेंट के कैप्‍टन को ट्रूप्‍स के वापस आने पर गलियों में ड्रम बजाकर उनका स्‍वागत करने का नया आदेश जारी किया था।

गणतंत्र दिवस के आखिरी दिन क्यों होता है आयोजन

कहा जाता है कि बीटिंग रिट्रीट समारोह प्राचीन काल से चली आ रही उस परंपरा का हिस्सा है जब युद्ध के मैदान में सेनाएँ दिन ढलने के बाद सैन्य-धुन पर अपने-अपने बैरक में लौट जाती थी। इसलिए गणतंत्र दिवस के दौरान जब तीनों सेनाओं की टुकड़ियाँ, हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान जब 26 जनवरी के बाद बैरक में लौटेंगे तो तीन दिन बाद यानि 29 जनवरी को दिन ढलने के समय बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है।

बता दें कि पिछले साल अलग-अलग रेजीमेंट की 18 मिलिट्री बैंड, 15 पाइप और ड्रम बैंड ने हिस्सा लिया था। वहीं इस साल इंटर सर्विस गार्ड की कमान विंग कमांडर विपुल गोयल संभालेंगे। वायुसेना मार्च की अगुवाई फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रीकांत शर्मा और तीन अन्य अधिकारी करेंगे। वायुसेना बैंड की टुकड़ी में 72 संगीतकार और तीन ड्रम मेजर होंगे

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘PM मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा, संविधान में बदलाव का कोई इरादा नहीं’: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- ‘सेक्युलर’ शब्द हटाने...

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने जीएसटी लागू की, 370 खत्म की, राममंदिर का उद्घाटन हुआ, ट्रिपल तलाक खत्म हुआ, वन रैंक वन पेंशन लागू की।

लोकसभा चुनाव 2024: पहले चरण में 60+ प्रतिशत मतदान, हिंसा के बीच सबसे अधिक 77.57% बंगाल में वोटिंग, 1625 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में...

पहले चरण के मतदान में राज्यों के हिसाब से 102 सीटों पर शाम 7 बजे तक कुल 60.03% मतदान हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश में 57.61 प्रतिशत, उत्तराखंड में 53.64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe