Monday, December 23, 2024
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मैंने गूगल पर देखी थी जमीन, पैसा कहाँ से आया याद नहीं: वाड्रा की बेजोड़ दलील

भुगतान के तरीके के बारे में पूछे जाने पर वाड्रा ने कहा कि उन्होंने महेश नागर के नाम चेक जारी किए थे और डॉक्यूमेंट्स की जाँच राजेश खुराना ने की थी। वाड्रा ने कहा कि वह जमीन के मालिक को नहीं जानते।

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा इन दिनों बीकानेर लैंड डील में जाँच का सामना कर रहे है। मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जाँच में एक नई बात निकलकर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक रॉबर्ट वाड्रा ने ED से कहा कि उन्होंने बीकानेर के दो गाँवों में जो जमीन खरीदी, उसके लिए पैसा कहाँ से आया, ये उन्हें याद नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि उन्होंने तो बस गूगल मैप पर जमीन देखी थी। बता दें कि जमीन की इस खरीददारी से उनके बिजनेस को काफी फायदा पहुँचा है।

अगस्त 2017 में राजस्थान सरकार द्वारा बीकानेर जमीन घोटाला की जाँच केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) को सौंपने के बाद ED और CBI दोनों ही इस मामले की जाँच कर रही है। जाँच एजेंसी ED के मुताबिक जब बीकानेर के दो गाँवों में धोखाधड़ी करके जमीन खरीदी गई थी, उस समय वाड्रा M/s Skylight Hospitality Pvt Ltd कंपनी के ‘एक्टिव डायरेक्टर’ थे। Skylight कंपनी में 99% शेयर वाड्रा का है और इसी वजह से उन्हें कंपनी के सारे फैसले लेने का अधिकार है।

ED ने आरोप लगाया कि बीकानेर के जगनेर और गोयलरी में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा 2010 में 72 लाख रुपए में जमीन खरीदी गई और फिर 2012 में उसे M/s Allegeny Finlease (P) Ltd को 5.15 करोड़ रुपए में बेच दी गई। इस दौरान कथित तौर पर 4.43 करोड़ रुपए का लाभ पहुँचा। ED ने आरोप लगाया कि वाड्रा की कंपनी ने इस पैसे का इस्तेमाल दिल्ली के सुखदेव विहार में घर खरीदने में किया। जो कि ED ने जाँच के लिए कुर्क कर लिया है।

ED ने जब वाड्रा से उनकी कंपनी द्वारा जमीन की खरीद के लिए फंड के सोर्स के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें फंड का सोर्स याद नहीं है। वाड्रा ने कहा कि फंड की व्यवस्था कंपनी के इनकम से की गई होगी और इसका भुगतान बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किया गया है, लोगों को पता है। वाड्रा ने ईडी से कि उन्होंने केवल “गूगल मैप” पर जमीन देखी थी, जो कि कंपनी के एक अधिकृत प्रतिनिधि महेश नागर ने उन्हें दिखाया था। 

वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या जमीन की खरीद-बिक्री से पहले वह बीकानेर गए थे, तो उन्होंने इसका जवाब नहीं में दिया। साथ ही वाड्रा ने यह भी कहा कि वह जमीन के कागजात के बारे में भी नहीं जानते क्योंकि वेरिफिकेशन का काम राजेश खुराना को सौंपा गया था।

इतना ही नहीं वाड्रा ने उन चार लोगों को भी पहचानने से इनकार कर दिया, जिन पर ED ने बीकानेर जमीन घोटाले के संबंध में मामला दर्ज किया है। भुगतान के तरीके के बारे में पूछे जाने पर वाड्रा ने कहा कि उन्होंने महेश नागर के नाम चेक जारी किए थे और डॉक्यूमेंट्स की जाँच राजेश खुराना ने की थी। वाड्रा ने कहा कि वह जमीन के मालिक को नहीं जानते। उन्होंने कहा कि महेश नागर के कहने पर भुगतान किया गया।

जब वाड्रा को स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के बैंक स्टेटमेंट और सेल डीड दिखाए गए तो उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि M/s Allegeny Finlease Pvt Ltd को भुगतान किया गया है और फिर इसका इस्तेमाल नई दिल्ली के सुखदेव विहार में प्रॉपर्टी खरीदने में किया गया है। वाड्रा ने लगातार मामले में किसी भी तरह के फर्जी काम से इनकार किया। ED ने रॉबर्ट वाड्रा की माँ मौरीन वाड्रा और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन निदेशक और अब कंपनी में पार्टनर से भी पूछताछ की थी। मौरीन ने कहा कि उस कंपनी में उनकी सिर्फ एक फीसदी की हिस्सेदारी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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