केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है। इस साल 26 जनवरी को हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली की सीमा में दाखिल हो गए थे।
उन्होंने न केवल सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया, बल्कि लाल किले पर खालिस्तानी झंडा भी फहराया। ये भारत के लिए काला दिन था। इस दौरान निहंग हाथों में खुली तलवारें लिए हुए दिखे थे। वहीं कथित किसानों ने पथराव कर कई दर्जन पुलिसकर्मियों को भी घायल कर दिया था।
गणतंत्र दिवस 2021 के दौरान हुए दंगों के बाद लाल किले पर मौजूद दीप सिद्धू सहित कई प्रदर्शनकारियों और किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव पर हत्या का प्रयास जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे।
योगेंद्र यादव पर आउटर दिल्ली में 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था। अब, आरटीआई कार्यकर्ता विवेक पांडे द्वारा दायर की गई आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी में खुलासा हुआ है कि उन दंगों के बाद कितना नुकसान हुआ था।
पांडे ने दिल्ली पुलिस के साथ एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) दायर की, ताकि दिल्ली के सभी पुलिस स्टेशनों से दंगों में हुए नुकसान के बारे में पता लगाया जा सके। उन्होंने इसमें निम्न में दिए गए सवाल पूछे।
- इस रैली में जलाए गए वाहनों की कुल संख्या का विवरण
- रैली में संपत्ति को होने वाले नुकसान का विवरण
- रैली के दौरान कुल कितनी संपत्ति को नुकसान पहुँचा
- किसानों और पुलिस के बीच झड़प में घायल होने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या
- किसानों और पुलिस के बीच झड़प में घायल होने वाले किसानों की संख्या
उन्हें एक को छोड़कर सभी पुलिस स्टेशनों से जवाब मिला। पांडे ने ऑपइंडिया के साथ आरटीआई विवरण साझा किया, और यहाँ वे विवरण हैं जो हमें दंगों के दौरान कथित किसानों को हुए नुकसान के बारे में मिले। उन्हें एक को छोड़कर सभी पुलिस स्टेशनों से जवाब मिला। यहाँ कथित किसानों द्वारा दंगों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को कितना कितना नुकसान पहुँचाया गया और कितने पुलिसकर्मी घायल हुए सबकी जानकारी दी गई है।
दंगों के दौरान कुल 299 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इनमें से बाहरी जिले में 115, द्वारका में 37, सेंट्रल में 19 और नॉर्थ जिले में 24 लोग घायल हुए थे। आरटीआई के जवाबों में एक बात और सामने आई थी। वह 20 लाइव राउंड के साथ एक इंसास राइफल की मैगजीन थी, जो दंगों के दौरान गायब हो गई थी।
गौरतलब है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी किसानों ने लाल किले पर कब्जा कर लिया था और अपना झंडा फहरा दिया था। इसके अलावा उग्र किसानों ने लाल किला समेत कई जगहों पर जमकर तोड़फोड़ की और पुलिस पर भी जानलेवा हमला किया था।