Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजसबरीमाला मंदिर में घुस रही थीं 50 से कम उम्र की 10 महिलाएँ: केरल...

सबरीमाला मंदिर में घुस रही थीं 50 से कम उम्र की 10 महिलाएँ: केरल पुलिस ने भगाया

शनिवार को वार्षिक मंडल पूजा पर्व के लिए सबरीमाला मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से 10 ऐसी महिलाएँ भी पहुँची थीं, जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम थी। पुलिस ने उन महिलाओं को सबरीमाला मंदिर की....

सबरीमाला मंदिर में 50 से कम उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर राजनीति जारी है। केरल के भाजपा व कॉन्ग्रेस यूनिट ने वामपंथी राज्य सरकार को चेताया है कि श्रद्धालुओं की भावनाओं का ख्याल रखा जाए। वहीं वामपंथी सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और उसे लागू किया जाएगा। बाद में उसी केरल सरकार ने हाथ खड़े कर दिए। केरल की सरकार ने कहा कि वो सबरीमाला मंदिर का दर्शन करने आने वाले 50 से कम उम्र की महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थ है। इसके बाद कथित महिला एक्टिविस्ट तृप्ति देसाई ने कहा कि सुरक्षा मिले या नहीं, वो सबरीमाला जाएँगी।

उधर केरल पुलिस ने 10 ऐसी महिलाओं को मंदिर से लौटा दिया, जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम थी और वो मंदिर के नियमों का उल्लंघन करते हुए अंदर प्रवेश करना चाहती थीं। शनिवार (नवंबर 16, 2019) को वार्षिक मंडल पूजा पर्व के लिए सबरीमाला मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से 10 ऐसी महिलाएँ भी पहुँची थीं, जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम थी। पुलिस ने उन महिलाओं को सबरीमाला मंदिर की परंपरा के बारे में बताया और उलटे पाँव वापस कर दिया।

नीलक्कल में एक कैम्प बनाया गया है, जहाँ श्रद्धालुओं की चेकिंग की जा रही है। वहाँ पहुँचने वाली सभी गाड़ियों की भी तलाशी ली जा रही है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला पर उनके निर्णय को लेकर आईं सभी समीक्षा याचिकाओं को 7 सदस्यीय खंडपीठ के पास भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में जाने की इजाजत दे दी थी। इसके बाद श्रद्धालुओं ने मंदिर की परंपरा की रक्षा के लिए भारी विरोध प्रदर्शन किया था।

हालाँकि, पुलिस ने 50 से कम उम्र की महिलाओं को मंदिर की परंपरा का हवाला देकर वापस भेजने की बात से इनकार किया है। ‘द न्यूज़ मिनट’ से बात करते हुए पुलिस ने बताया कि उन महिलाओं को मंदिर की परंपरा के बारे में पता नहीं था और उन्हें जैसे ही इसका भान हुआ, वो ख़ुद वापस चली गईं। पुलिस ने बताया कि उन महिलाओं को समझाने की कोई ज़रूरत ही नहीं पड़ी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -