Thursday, November 7, 2024
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पूरे शरीर में सूजन, देखने-सुनने-बोलने में दिक्कत… साध्वी प्रज्ञा ने फोटो शेयर कर याद किया ‘कॉन्ग्रेस का टॉर्चर’, पोर्न दिखा बेल्ट से होती थी पिटाई: कहा- जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊँगी

साध्वी प्रज्ञा ने बताया था कि उन्हें चमड़े की बेल्ट से पीटा जाता था। उन्हें 24 दिनों तक भूखा रखा गया था, उनको बिजली के झटके दिए जाते थे। गाली-गलौज आम बात थी। उनको पुरुष कैदियों के साथ रखकर पोर्न वीडियो देखने पर मजबूर किया जाता था। उनको लगातार पीटने के लिए 5-6 पुलिस वाले लगाए जाते थे और जब वह थक जाते थे तो दूसरे पुलिसकर्मी उनको पीटने लग जाते थे।

मध्य प्रदेश के भोपाल से भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कॉन्ग्रेस पर उनका जीवन बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि ATS के जरिए कॉन्ग्रेस के टॉर्चर के कारण उनके ब्रेन में सूजन आ गई है, आँखों से देखने और कानों से सुनने में कठिनाई जैसी समस्याएँ हो गईं। तस्वीर में वह बेहद बीमार दिख रही हैं। उनका चेहरा सूजा हुआ है।

साध्वी प्रज्ञा ने सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर अपने पोस्ट में लिखा, “कॉन्ग्रेस का टॉर्चर सिर्फ ATS कस्टडी तक ही नहीं, मेरे जीवन भर के लिए मृत्युदायी कष्ट का कारण हो गए हैं। ब्रेन में सूजन, आँखों से कम दिखना, कानों से कम सुनाई देना, बोलने में असंतुलन, स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओं से पूरे शरीर में सूजन। एक हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊँगी।”

दरअसल, साध्वी प्रज्ञा साल 2008 में हुए मालेगाँव ब्लास्ट मामले में आरोपित हैं। वे पिछले कुछ महीनों से मेडिकल के आधार पर अदालत में पेश नहीं हुई हैं। इसके बाद मामले की जाँच कर रही राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट का कहना है कि मामले की फाइनल बहस चल रही है और आरोपित का कोर्ट में जरूरी है। 

साध्वी प्रज्ञा ने साल 2020 में अपने साथ हुए अमानवीय व्यवहार को लेकर रिपब्लिक टीवी को एक साक्षात्कार दिया था। साध्वी प्रज्ञा ने बताया था कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की उपस्थिति में 3-4 पुलिसकर्मियों ने उन्हें बहुत अधिक प्रताड़ित किया था। उन्हें हिरासत में लेकर बेल्ट से इस तरह पीटा गया कि उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और उन्हें वेंटिलेटर पर जाना पड़ा था।

उन्होंने कहा था कि बेल की बात होने पर न्यायाधीशों तक को धमकी दी गई। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बताया कि हिरासत के दौरान उन्हें पॉर्न वीडियो दिखाया गया और उनसे भद्दे सवाल किए गए। उन्होंने बताया था कि पहले उनको भगवा आतंकी कहा गया, फिर भारत को आतंकवादी देश घोषित करवाने का प्रयास हुआ। उनका आरोप है कि ये सारा षड्यंत्र कॉन्ग्रेस का था।

साध्वी प्रज्ञा ने बताया था कि उन्हें चमड़े की बेल्ट से पीटा जाता था। उन्हें 24 दिनों तक भूखा रखा गया था, उनको बिजली के झटके दिए जाते थे। गाली-गलौज आम बात थी। उनको पुरुष कैदियों के साथ रखकर पोर्न वीडियो देखने पर मजबूर किया जाता था। उनको लगातार पीटने के लिए 5-6 पुलिस वाले लगाए जाते थे और जब वह थक जाते थे तो दूसरे पुलिसकर्मी उनको पीटने लग जाते थे।

इन सबके बाद जब उन्हें कोर्ट के आदेश पर डॉक्टर के पास ले जाया जाता था तो उन पर दबाव रहता था कि वह यह रिपोर्ट दे कि साध्वी एकदम ठीक हैं। 25 सितम्बर 2023 को NIA कोर्ट के सामने पेश हुईं साध्वी प्रज्ञा ने बताया था उनकी बीमारी की हालत के लिए कॉन्ग्रेस जिम्मेदार है। साध्वी ने बताया कि जब उनको मालेगाँव धमाके के बाद पूछताछ के लिए बुलाया गया था तब वह पूरी तरह स्वस्थ थीं,।

उन्होंने बताया था कि पुलिस की हिरासत में उनकी हालत बिगड़ी। उनको कैंसर और न्यूरो की बीमारी हो गई। शरीर में पस तक पड़ गया। दरअसल, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर वर्ष 2008 में हुए मालेगाँव धमाकों के सम्बन्ध में NIA के विशेष कोर्ट के समक्ष अपना बयान दर्ज करवा रही थीं। उनके साथ मालेगाँव धमाके में आरोपित बनाए गए अन्य 7 व्यक्तियों का भी बयान दर्ज किया जा रहा था।

साध्वी प्रज्ञा के साथ जिन अन्य लोगों के बयान दर्ज किए गए उनमें लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, सुधाकर द्विवेदी, समीर कुलकर्णी और अजय राहिरकर शामिल हैं। इस दौरान साध्वी से लगभग 60 प्रश्न पूछे गए। मालेगाँव में 29 सितम्बर को हुए इन धमाकों में 9 लोगों की मृत्यु हुई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे।

बताया गया था कि यह धमाके एक मोटरसाईकिल में बम लगाकर किए गए थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया था। NIA द्वारा वर्ष 2016 में दाखिल अंतिम चार्जशीट में उनका नाम नहीं था और उन्हें जमानत मिल गई थी। उनको इस मामले में दोषी नहीं माना गया था। साध्वी प्रज्ञा बताया था कि कॉन्ग्रेस की ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था जिसका नेतृत्व तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम कर रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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