दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के नज़दीक हुए बम धमाकों के बाद प्रोपेगेंडा फैलाने वाले ट्रोल भी सक्रिय हो चुके हैं। इसी कड़ी में कॉन्ग्रेसी ट्रोल साकेत गोखले कल (जनवरी 29, 2021) हुए बम धमाकों के पीछे की साज़िश का शिगूफा लेकर हाजिर है। उनका कहना है कि संभावित रूप से यह आतंकवादी हमला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कराया होगा जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए और निश्चित रूप से अब तक इसे दबाया जा चुका होगा।
साकेत गोखले ने नफरत फैलाने वाले षड्यंत्र को भड़काते हुए यह प्रसारित किया है, जिसके आधार पर कॉन्ग्रेस पार्टी ने ‘भगवा आतंक’ की नकारात्मक अवधारणा का आविष्कार किया था। हालाँकि, सालों बीत चुके हैं लेकिन कॉन्ग्रेसी ट्रोल ने ‘भगवा आतंक’ नैरेटिव की पुष्टि करने वाला एक भी सबूत पेश नहीं किया है। एक बार फिर वो वही दोहराना चाहता है लेकिन इस बार भी उसके पास कोई सबूत मौजूद नहीं है।
साकेत गोखले ने अपने ट्वीट में लिखा, “हमले में भाजपा/आरएसएस के गुंडों की भूमिका की संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है हालाँकि, अब तक इसे निश्चित रूप से दबाया जा चुका होगा।”
फर्जी और भ्रामक जानकारी साझा करने के मामले में साकेत गोखले का इतिहास पुराना है। जुलाई 2020 में साकेत गोखले ने बिना सबूत दावा किया था कि आरएसएस कार्यकर्ता उनके घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। आरएसएस ने इस झूठे और पब्लिसिटी बटोरने वाले दावे को खारिज कर दिया था।
एक और मौके पर साकेत गोखले ने दावा किया था कि दिल्ली पुलिस ने उसे अनुमति दी है कि वह रैली आयोजित करके देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को दोहरा सकता है। दिल्ली पुलिस ने कॉन्ग्रेसी ट्रोल के इस दावे को झूठा बताते हुए कहा था कि जो पत्र प्रचारित किया जा रहा है, वह साकेत द्वारा माँगी गई अनुमति का पत्र था जो कि उसे दी नहीं गई थी।
झूठे दावों का प्रचार करके कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए माहौल बनाने के मामले में साकेत गोखले का इतिहास पुराना रहा है। ठीक उसी तरह अब कॉन्ग्रेसी ट्रोल ने ‘भगवा आतंक’ जैसी खोखली अवधारणा में प्राण फूँकने का प्रयास किया है।