उत्तर प्रदेश के संभल में पुलिस को मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जाँच में पाकिस्तान और अमेरिका में बनी हुई कारतूस मिली हैं। इन्हें एक जगह नाली के पास से बरामद किया गया है। पुलिस को आशंका है कि इस पूरी हिंसा में विदेशी फंडिंग का लिंक भी हो सकता है। मामले में अब NIA की भी मदद लिए जाने के कयास लगाए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार (3 दिसम्बर, 2024) को संभल में जाँच करने पहुँची पुलिस की SIT और फॉरेंसिक की टीम को कुल 6 कारतूसों के खोखे मिले हैं। इनमें से 5 फायर हो चुके थे जबकि एक फायर नहीं हो पाया था। इनमें से एक पर ‘POF’ यानि पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री लिखा हुआ था।
यह कारतूस 9 MM का था। वहीं एक कारतूस पर मेड इन USA लिखा हुआ था। यह कारतूस .32 कैलिबर का था। एक और कारतूस पर ‘FN-STAR’ लिखा हुआ था। यह सारे कारतूस फॉरेंसिक की टीम को एक नाली के पास मिट्टी में दबे हुए मिले। यहाँ फॉरेंसिक टीम 24 नवंबर को हुई हिंसा की जाँच के लिए मेटल डिटेक्टर समेत तमाम साजोसामान के साथ पहुँची थी।
विदेशी कारतूसों के अलावा बाक़ी तीन कारतूस में से दो 12 बोर जबकि एक .32 कैलिबर है। इनके विषय में पुलिस ने बताया है कि इनमें से किसी भी कारतूस का इस्तेमाल पुलिस नहीं करती। संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने इसे गंभीर करार दिया है। उन्होंने कहा है कि इस पूरे मामले की जाँच में अब यह एंगल भी जोड़ा जाएगा।
कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया है कि जहाँ पर 24 नवम्बर, 2024 को हिंसा हुई थी, उस इलाके के कई CCTV कैमरा को भी तोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा है कि जो भी कैमरे और DVR बचे हैं उनकी जाँच कर सबूत जुटाए जाएँगे। उन्होंने विदेशी खोखे मिलने के बाद कहा है कि अब दूसरी एजेंसियों की मदद भी ली जाएगी।
#WATCH | UP | SP Sambhal KK Bishnoi said, "At the spot where a body was found, the Forensics team & Municipal Corporation today found a fired case POF 9mm 68-26, one FN Star case which has a mark of a striker pin, a Made in USA 12mm bore cartridge were found…None of these bores… pic.twitter.com/6SweiVFid7
— ANI (@ANI) December 3, 2024
NIA की मदद भी इस मामले में विदेशी लिंक खोजने के लिए ली जा सकती है। कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया है कि विदेशी खोखों की जाँच करने के लिए उन्हें फॉरेंसिक एजेंसी के पास भेजा जाएगा और मामले में बैलिस्टिक एक्सपर्ट की राय माँगी जाएगी।
गौरतलब है कि 19 नवम्बर, 2024 को संभल में कोर्ट जिला अदालत ने जामा मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया था। यह आदेश हिन्दू पक्ष की याचिका के बाद दिया गया था। हिन्दू पक्ष ने कहा था कि जहाँ आज जामा मस्जिद है, वहाँ पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था, जिसे मुग़ल आक्रान्ताओं ने तोड़ दिया था।
19 नवम्बर को यह सर्वे पूरा नहीं हो पाया था, इसमें मुस्लिम भीड़ ने व्यवधान डाल दिया था। इसके बाद 24 नवम्बर को सर्वे के लिए टीम दोबारा पहुँची थी। इसी दौरान जामा मस्जिद के आसपास इलाकों में इकट्ठा हुई मुस्लिम भीड़ ने हिंसा चालू कर दी। इसमें कई पुलिस वाले घायल हुए और एक पुलिस अफसर अनुज चौधरी के गोली भी लगी।
हिंसा के दौरान हुई फायरिंग में 5 मुस्लिम मारे गए। शुरूआती जाँच में बताया गया है कि उसकी फायरिंग में कोई मौत नहीं हुई बल्कि यह आपसी लड़ाई का मसला हो सकता है। इस हिंसा की जाँच 2 SIT टीम कर रही हैं। पूरी घटना की जाँच के लिए एक न्यायिक आयोग भी गठित किया गया है।