उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) में विधानसभा चुनाव (Assembly election) नजदीक आते ही नेताओं की बदजुबानी चालू हो गई हैं। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा संतों को चिलमजीवी कहने औऱ कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) के हिंदुओं पर किए गए बयानों से संत समाज आहत है। संतों ने नेताओं की इस बदजुबानी को हिंदू समाज के खिलाफ षणयंत्र करार दिया है। ऐसे में इन नेताओं को सबक सिखाने के लिए अखिल भारतीय संत समिति यूपी के 13 स्थानों पर संत सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, संतों के इस सम्मेलन में विश्व हिंदू परिषद (VHP) समेत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्री विद्वत परिषद भी शामिल होगा। समाजवादी पार्टी के मुखिया के नवंबर 2021 में संतों को चिलमजीवी और एकरंगा कहने पर अखिल भारतीय संत समिति के ने आपत्ति जाहिर की है। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बहुत ही कड़े शब्दों में कहा है कि संत समाज हिंदुओं और उनकी सनातन परंपराओं व संस्कृतियों के खिलाफ प्रलाप करने वाले इन छद्म समाजवादी और कॉन्ग्रेसियों के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाएगा।
13 शहरों में आयोजित होगा सम्मेलन
सपा और कॉन्ग्रेसियों खिलाफ यह सम्मेलन 11 जनवरी 2022 से शुरू होकर पूरे फरवरी तक चलेगा। सम्मेलन को लेकर कहा जा रहा है कि यह धार्मिक होगा और इसके जरिए हिंदुओं और हिंदुत्व के खिलाफ नेताओं की बयानबाजी और उनके षड्यंत्रों का जबाव दिया जाएगा। जनजागरण के जरिए लोगों को ऐसे लोगों के बारे में बताया जाएगा। ताकि वो अपने हितों के लिहाज से फैसले ले सके।
बता दें कि यह सम्मेलन काशी, विंध्याचल, प्रयागराज, अयोध्या, वृंदावन, चित्रकूट, बिठूर, शुक्रताल, ब्रजघाट, गढ़मुक्तेश्वर, कछला, सोरो, नैमिषारण्य और देवरिया में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में देशभर के संत शामिल होंगे।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने नवंबर 2021 में अपनी विजय रथ यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बगैर कहा था कि ‘चिलमजीवी‘ और एक रंग वाले यूपी को खुशहाल नहीं रख सकते हैं। वहीं राहुल गाँधी हिंदू औऱ हिंदुत्व दोनों को अलग बताते हुए कहा था कि हिंदुत्ववादी मुस्लिमों को पीटते हैं।