Sunday, November 17, 2024
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प्राइवेट पार्ट को चीर कर निकली गोली, फट गया पेशाब का थैला, आँत भी डैमेज… जिस दलित अजय को हल्द्वानी में मारी गोली उसका बच्चा 1 साल का

संतोष ने बताया कि इलाके में छोटी-छोटी झोपड़ियाँ हैं, फ़िलहाल पुलिस ने मामले को नियंत्रित कर दिया है। उन्होंने बताया कि अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है, थाना जला दिया गया है।

उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा भड़की हुई है। सरकारी जमीन पर बने एक अवैध मस्जिद-मदरसे को ध्वस्त करने के लिए प्रशासन बुलडोजर लेकर आया, जिसके बाद मुस्लिम भीड़ ने थाना और पेट्रोल पंप को फूँक दिया। पुलिस वालों को ज़िंदा जलाने की कोशिश की गई। कई महिला पुलिसकर्मी भी जख्मी हुई हैं। इसी क्रम में दंगाइयों ने कबाड़ का कारोबार करने वाले अजय नाम के शख्स को भी गोली मार दी। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।

अजय की माँ बिलखती हुई पूछ रही है कि उनके बेटे का क्या दोष था? रिश्ते में अजय के चाचा लगने वाले संतोष कुमार ने बताया कि अजय गफूरबस्ती में रहते थे। उन्होंने बताया कि गफूरबस्ती से लेकर इंदिरानगर तक का इलाका मुस्लिम बहुल है। बकौल संतोष, अजय अपनी माँ के लिए आयुर्वेदिक दवा लेने के लिए जा रहा था। उसकी माँ की तबीयत ख़राब रहती है। उसके साथ उसका एक दोस्त भी था। वहाँ दोनों जिम करने लगे। वहाँ से बाहर निकले तब तक बाहर माहौल ख़राब हो चुका था।

उन्होंने बताया कि गोली अजय के प्राइवेट पार्ट में लगी है और पीछे से चीर कर पार हो गई है। उन्होंने ये भी बताया कि तब पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी, दंगाइयों की गोली ही उसे लगी है। उन्होंने बताया कि अजय अभी होश में नहीं हैं। जिस वैद्य के पास वो दवा लेने गए थे वो मुस्लिम है और जिस जिम में उन्होंने व्यायाम किया वो भी मुस्लिम है। संतोष कुमार ने बताया कि गुरुवार (8 फरवरी, 2024) को देर रात तक सर्जरी चली। रीढ़ की हड्डी भी टूट गई है।

संतोष कुमार भाजपा के नेता भी हैं। उन्होंने बताया कि वो दलित समुदाय से आते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि सरकारी खर्च से अजय का इलाज चल रहा है। अजय नगर निगम की गाड़ी में कूड़े का कारोबार करते थे। 22-23 वर्ष उनकी उम्र थी। उनकी शादी को 2 साल हुए हैं, उनका एक बच्चा भी है। संतोष ने बताया कि इलाके में छोटी-छोटी झोपड़ियाँ हैं, फ़िलहाल पुलिस ने मामले को नियंत्रित कर दिया है। उन्होंने बताया कि अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है, थाना जला दिया गया है।

संतोष कुमार का कहना है कि गफूरबस्ती में हिन्दुओं की 200 झोपड़ियाँ हैं। उन्होंने जानकारी दी कि वाल्मीकि समाज का एक सोनकर नामक शख्स भी घायल हुआ था, इलाज के पास उसे घर भेज दिया गया है। इलाके के एक अन्य हिन्दू ने बताया कि फ़िलहाल वो लोग सुरक्षित हैं। अजय की माँ का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वो कह रही हैं, “मेरे बेटे को दंगाइयों ने गोली मार दी। मेरे बेटे की कोई गलती नहीं थी। वो जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है।”

अजय का इलाज साईं अस्पताल में चल रहा है। डॉ सिद्धार्थ पांडेय अजय का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अजय के शरीर में गोली लग कर डैमेज कर के बाहर निकल गई। उनके शरीर में पेशाब का थैला फट गया था और किडनी से जो पाइप आता है वो भी फट गया था। खोल कर उसे रिपेयर किया गया है। उन्होंने बताया कि अंदर ब्लीडिंग भी बहुत ज़्यादा थी, जिसे रोकी गई है। आँतों के पास सूजन था, वहाँ इकट्ठे खून को भी निकाला गया। अजय की मी तारा ने बताया कि रात के अँधेरे में हंगामा हुआ कि किसी का बच्चा पड़ा हुआ है, वो दौड़ती गईं तो अपने बेटे को उठा कर ले आईं।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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