राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (NIMHR) के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक के खिलाफ अब छात्र संगठन भी आगे आए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने उसकी बर्खास्तगी की माँग को लेकर मंगलवार (14 मार्च 2023) को प्रदर्शन किया। NIMHR अपनी तरह का देश का इकलौता संस्थान है और मध्य प्रदेश के सीहोर में स्थित है। मोहम्मद अशफाक की करतूतों को लेकर ऑपइंडिया ने सबसे पहले रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उसके बाद उसके खिलाफ जाँच शुरू हुई थी।
ऑपइंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट आप इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं
एबीवीपी ने मंगलवार को सीहोर के लुनिया चौराह से पुराने जिला पंचायत भवन स्थित NIMHR परिसर तक विरोध रैली निकाली। मोहम्मद अशफाक का पुतला फूँकते हुए उसकी तत्काल बर्खास्तगी की माँग की। एवीबीपी के जिला संयोजक शुभम व्यास ने कहा कि मोहम्मद अशफाक के मनमानी से संस्थान की शौक्षणिक गुणवत्ता नष्ट हो गई है। उस पर आर्थिक फर्जीवाड़े का भी आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे अधिकारी को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए।
एबीवीपी के प्रांतीय मंत्री आयुष पाराशर ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा कि मोहम्मद अशफाक के पद पर बने रहने से जाँच प्रभावित हो सकती है। वह वैसे भी प्रोबेशन पर है। इसलिए हमारी माँग है कि उसे बर्खास्त कर मामले की निष्पक्ष जाँच हो। उन्होंने बताया कि इस संबंध में ABVP की ओर 12 मार्च 2023 को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार को भोपाल में एक ज्ञापन भी दिया गया था। उस समय भी मोहम्मद अशफाक की तत्काल बर्खास्त की माँग की गई थी।
पाराशर ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने मोहम्मद अशफाक के खिलाफ चल रही जाँच की निगरानी करने और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। उन्होंने कहा, “ऑपइंडिया में इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद यह मामला हमारे संज्ञान में आया था। उसके बाद से ही इस मुद्दे पर हम सक्रिय हैं। यदि जल्द मोहम्मद अशफाक पर कार्रवाई नहीं हुई तो हम आंदोलन और तेज करेंगे।”
उल्लेखनीय है कि मोहम्मद अशफाक के खिलाफ NIMHR के छात्रों ने 16 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को एक पत्र भेजा था। ऑपइंडिया ने 23 जनवरी 2023 को इस संबंध में विस्तार से रिपोर्ट प्रकाशित की थी। हमने बताया था कि छात्रों ने डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक पर संस्थान को मनमाने तरीके से संचालित करने, कक्षा लेने, ऐतिहासिक हिंदू चरित्रों की विकलांगता के संदर्भ में गलत व्याख्या करने, छात्रों को करियर बर्बाद करने की धमकी देने जैसे आरोप लगाए हैं। संस्थान से जुड़े छात्रों और पूर्व कर्मचारियों ने ऑपइंडिया से बातचीत में भी इन आरोपों की पुष्टि की थी। हालाँकि मोहम्मद अशफाक ने ऑपइंडिया से बातचीत में अपने खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई शिकायत से अनभिज्ञता प्रकट की थी। उन्होंने कहा था कि कम अटेंडेंस के कारण कुछ छात्रों को परीक्षा में शामिल होने से रोका गया है। संभव है कि ऐसे छात्रों ने ही शिकायत की होगी।
इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद दिल्ली से पीएमओं की जाँच टीम के सीहोर जाने और मोहम्मद अशफाक से पूछताछ करने की रिपोर्टें मीडिया में आई थी। यह बात भी सामने आई थी कि विजिलेंस की टीम उसके खिलाफ आर्थिक गबन के आरोपों की भी जाँच कर रही है। उसे ग्वालियर में निर्माणाधीन डिसेबल स्पोर्ट सेंटर के उपनिदेशक के अतिरिक्त पदभार से मुक्त करने की बात भी सामने आई थी। सीहोर के विधायक सुदेश राय ने भी केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार को पत्र लिखकर उसका ट्रांसफर करने की माँग की थी।
हालाँकि संस्थान से जुड़े कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर ऑपइंडिया से बातचीत में कहा है कि मोहम्मद अशफाक को बचाने की कोशिश हो रही है। हम इस दावे की पुष्टि नहीं करते। लेकिन जिस तरह से करीब डेढ़ महीने के बाद भी सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार और NIMHR के डायरेक्टर राजेश कुमार यादव ने ऑपइंडिया के सवालों पर चुप्पी साध रखी है, उससे इस तरह की आशंकाओं को बल मिलता है।
गौरतलब है कि NIMHR केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन आता है। मंत्रालय में संयुक्त सचिव (DEPwD) पद पर तैनात राजेश कुमार यादव के पास अभी संस्थान के निदेशक का दायित्व है। उन पर यह जिम्मेदारी मिलने के बाद से एक बार भी संस्थान में नहीं आने का आरोप है। इसकी पुष्टि मोहम्मद अशफाक ने भी ऑपइंडिया से बातचीत में की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि से उपजे इस संस्थान की शुरुआत सीहोर में 2019 में हुई थी। फिलहाल पुराने जिला पंचायत भवन से इसका संचालन हो रहा है। भोपाल-इंदौर हाइवे पर सीहोर जिले के सैकड़ाखेड़ा गाँव में करीब 25 एकड़ जमीन पर संस्थान का कैंपस तैयार हो रहा है।