उत्तर प्रदेश में हिन्दू महासभा के पूर्व अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद अब ब्राह्मण महासभा से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता मुकेश शर्मा की गोली मार कर हत्या करने की खबर सामने आई है। घटना मेरठ जिले की है। घात लगाए बैठे हमलावरों ने 58 वर्षीय शर्मा की हत्या तब की गई जब वे खाना खाकर बाहर टहलने के लिए निकले थे।
शर्मा को भूमाफियाओं से जान का खतरा था। करोड़ों रुपए की 70 बीघा ज़मीन को लेकर माफिया उन्हें कई बार जान से मरने की धमकी दे चुके थे। मेरठ पुलिस ने पाँच आरोपितों को गिरफ़्तार किया है। अभी तक की जाँच-पड़ताल के अनुसार ज़मीन पर भूमाफिया नासिर अली अपने ससुर ज़ुबैर, साले जियाउल हक़ के साथ मिलकर अवैध तरीके से प्लाटिंग कर रहा था। शर्मा ने इस पर ऐतराज जताकर ज़मीन पर स्टे ले लिया था। नासिर और उसके साथियों जुबैर, नौशाद आरिफ और शमशेर ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस के मुताबिक योजनाबद्ध तरीके से हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। इसमें शर्मा के परिवार के एक सदस्य के भी शामिल होने की बात कही जा रही है।
जून 2018 में सदर तहसील के सामने मुकेश शर्मा पर नासिर, ज़ुबैर और जियाउल हक़ ने जानलेवा हमला किया था। जिसका मुक़दमा सदर बाजार थाने में दर्ज है। इस मामले में पुलिस ने गिरफ़्तारी नहीं की। आरोपित कोर्ट से स्टे ले आए, इस मुक़दमे में चार्जशीट दाखिल है।
शर्मा की हत्या की घटना शुक्रवार (18 अक्टूबर) रात 9:30 बजे की है, जब घर से क़रीब 400 मीटर की दूरी पर प्राइमरी स्कूल के पास बदमाशों ने घेरकर उनके सिर में गोली मार दी। इसके बाद हमलावर वहाँ से फ़रार हो गए। गंभीर अवस्था में परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
मृतक मुकेश शर्मा, मेरठ बार एसोसिएशन के सदस्य और ब्राह्मण सभा के भी पदाधिकारी थे। हत्या की इस घटना के बाद इलाक़े में हड़कंप मच गया और ग्रमीणों की भीड़ जुट गई। गुस्साए ग्रामीणों ने अस्पताल में पुलिस अधिकारियों का घेराव किया और कई घंटों तक शव का पंचनामा नहीं भरने दिया। घटना की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में अधिवक्ता भी अस्पताल पहुँचे।
घटना की सूचना मिलने पर डीएम अनिल ढींगरा, एसएसपी अजय साहनी भारी संख्या में पुलिस फ़ोर्स के साथ मौके पर पहुँचे। इस दौरान अधिवक्ताओं ने एसएसपी से कहा कि ज़िले में क़ानून-व्यवस्था चौपट हो गई है। ख़बर के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता मुकेश शर्मा ने भूमाफ़ियाओं की शिक़ायत प्रमुख सचिव, डीजीपी, डीएम और एसएसपी से की थी। उसके बाद भी उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई।
ख़बर के अनुसार, मृतक के परिजन की तरफ़ से गोकलपुर गाँव के 8-10 लोगों के नाम बताते हुए पुलिस में शिक़ायत की गई है। एसएसपी का कहना है कि परिजनों ने हत्या के पीछे ज़मीनी विवाद बताया और कुछ भूमाफ़ियाओं के नाम भी उन्होंने बताए। फ़िलहाल, इस मामले की सभी स्तरों पर जाँच चल रही है।