भारत में आईफोन (iPhone) बनाने वाली कंपनी ‘Wistron Corporation’ की फैक्ट्री में शनिवार (दिसंबर 12, 2020) को जम कर हंगामा और तोड़-फोड़ हुआ था। कर्मचारियों और मजदूरों द्वारा किए गए इस हंगामे के कारण कंपनी को 437.4 करोड़ रुपए की हानि हुई थी। इस घटना को लेकर बड़ी ख़बर सामने आई है। इस मामले में एसएफ़आई (स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया) के स्थानीय अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल भाजपा सांसद एस मुनिस्वामी ने आरोप लगाया था कि इस घटना के पीछे एसएफ़आई का हाथ है। इसके बाद कोलार में एसएफ़आई तालूक अध्यक्ष कॉमरेड श्रीकांत को गिरफ्तार किया गया।
“Communist Student Wing #SFI is behind Apple plant violence in Bengaluru”: Kolar MP
— ABVP Karnataka (@ABVPKarnataka) December 16, 2020
Local SFI President is arrested in connection with the riot.
Left ideology was always towards destruction & pulling down harmony in the society!#Apple #Wistron pic.twitter.com/CYnY5ovKDw
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कर्नाटक ने एसएफ़आई नेता की गिरफ्तारी पर ट्वीट करते हुए लिखा, “एप्पल (Apple) प्लांट में हुई हिंसा के पीछे वामपंथी स्टूडेंट विंग एसएफ़आई का हाथ है: कोलार सांसद। दंगों के संबंध में स्थानीय एसएफ़आई नेता की गिरफ्तारी हुई है। वामपंथी विचारधारा हमेशा विध्वंस और सामाजिक समरसता बिगाड़ने का प्रयास करती रही है।”
पुलिस ने बताया कि श्रीकांत ने ही विरोध वाले वॉट्सऐप मैसेज को कथित तौर पर लिखा, उसे फैलाया। यह मैसेज Wistron Corporation के कर्मचारियों में बहुत तेजी से फैला। इसके बाद ही हिंसा भड़की।
कर्नाटक के कोलार में स्थित भारत में आईफोन बनाने वाली फैक्ट्री में तोड़-फोड़ और उसमें वामपंथी ऐंगल सामने आने से यह मामला चीन के लिए भी खास रहा। चीन ने इस मामले में पूरी दिलचस्पी ली।
दरअसल, इस पूरे तोड़फोड़ का कारण कर्मचारियों को वेतन समय पर न देने को बताया गया और यही आरोप लगा कर ‘Wistron Corporation’ की फैक्ट्री में इस घटना को अंजाम दिया गया था। ये कंपनी Apple की वैश्विक निर्माता कॉन्ट्रैक्टर्स में से एक है। ये iPhone 7 के साथ-साथ SE के सेकेण्ड जनरेशन के फोन्स का निर्माण करती है। इस तोड़फोड़ के दौरान 1।5 करोड़ रुपए के तो सिर्फ स्मार्टफोन्स ही लूट लिए गए थे।
इस मामले में कुल 7000 लोगों के खिलाफ कंपनी ने मामला दर्ज कराया है। इनमें से 5000 कंपनी में काम करते हैं और 2000 ऐसे हैं, जो बाहर से आए थे। 2021 के अंत तक कंपनी 25,000 लोगों को हायर करने वाली थी, लेकिन अब ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। फिलहाल उसके 12,000 कर्मचारी हैं, जिनमें से 2000 स्थायी हैं। Apple अपने कर्मचारियों को सुरक्षित माहौल और उचित सम्मान देने की बात करती है, इसीलिए उसने जाँच समिति गठित कर दी है।