Thursday, March 28, 2024
Homeदेश-समाज9 की उम्र में छोड़ा घर, 19 में 'क्रांतिकारी साधु' बने: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद...

9 की उम्र में छोड़ा घर, 19 में ‘क्रांतिकारी साधु’ बने: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन, राम मंदिर के लिए लड़ी थी लंबी लड़ाई

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 1942 में महज 19 वर्ष के थे जब उन्होंने स्वतंत्रता अभियान में अपना योगदान दिया और लोग उन्हें क्रांतिकारी साधु के रूप में जानने लगे।

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में आज (11 सितंबर 2022) शारदा एवं द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन हो गया। उन्होंने 99 साल की आयु में दोपहर 3:30 बजे अपने झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में अंतिम साँस ली।

बता दें कि स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म मध्य प्रदेश के सिवनी में 2 सितंबर 1924 को हुआ था। 9 साल की उम्र में उन्होंने खुद को धर्म के लिए समर्पित किया। उन्होंने काशी आकर वेदों का ज्ञान लिया और हिंदू धर्म को आगे बढ़ाने में योगदान देने लगे।

आजादी के समय जब 1942 में अंग्रेजों को खदेड़ने का अभियान तेज हुआ तो उनकी उम्र महज 19 साल की थी। बावजूद इसके उन्होंने अभियान में अपना योगदान दिया और लोग उन्हें क्रांतिकारी साधु के रूप में जानने लगे। इसके बाद उन्होंने राम मंदिर के निर्माण में जो सालों कानूनी लड़ाई लड़ी उसमें भी अपना योगदान दिया। जम्मू-कश्मीर और अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर भी उनके सदैव स्पष्ट बयान आए।

आज उनके निधन की खबर सुन पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गत नेताओं ने अपना दुख व्यक्त किया। पीएम ने लिखा,

“द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएँ ओम शांति!”

गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा, “द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। सनातन संस्कृति व धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित उनके कार्य सदैव याद किए जाएँगे। उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें। ॐ शांति।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मुझे गाली दो ठीक है, अगर PM मोदी को कुछ कहा तो छोड़ूँगा नहीं’: K अन्नामलाई ने बताया क्या है उनकी ‘लक्ष्मण रेखा’, याद...

अन्नामलाई ने कहा, "अगर आप मेरा अपमान करते हैं और मुझे गाली देते हैं तो ठीक है। लेकिन, यही आप पीएम मोदी के साथ करते हैं तो मैं चुप नहीं रहूँगा।"

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe