जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने जिन दो शिक्षकों की गुरुवार (7 सितंबर, 2021) को हत्या कर दी, उनमें से एक प्रधानाध्यापिका सुपिंदर कौर भी थीं। सुपिंदर कौर की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। आतंकियों ने दोनों शिक्षकों की आईडी देख कर उन्हें मारा था, क्योंकि वो नॉन-मुस्लिम थे। इस हत्याकांड के बाद हिंदुओं और सिखों में आक्रोश का माहौल है। ये श्रीनगर के ईदगाह स्थित बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाते थे।
अंतिम यात्रा के दौरान जम कर पाकिस्तान विरोधी नारे भी लगे, जिसकी शह पर कश्मीर में आतंकियों का मनोबल बढ़ा है और जहाँ से इस्लामी आतंकियों को फंडिंग की जाती है। सुपिंदर कौर के अलावा एक अन्य मृत शिक्षक दीपक चंद की भी अंतिम यात्रा निकाली गई। इन दोनों को मीटिंग रूम से घसीटते हुए लाया गया था और फिर मार डाला गया था। कश्मीर में 5 दिन में हुई 7 हत्याओं में से 6 राजधानी श्रीनगर में ही हुई है।
सुपिंदर कौर के बारे में ये भी पता चला है कि वो काफी नेकदिल महिला थीं और अपने वेतन का अधिकतर हिस्सा जरूरतमंद मुस्लिमों पर खर्च करती थीं। 46 वर्षीय कौर के पड़ोसियों ने बताया है कि वो एक अनाथ मुस्लिम बच्ची का भी पालन-पोषण कर रही थीं। उनके पड़ोसी शौकत अहमद डार का कहना है कि वो अपने वेतन का आधा से अधिक हिस्सा जरूरतमंद मुस्लिमों पर खर्च करती थीं। वो उसका पूरा खर्च उठा रही थीं।
#WATCH | Mortal remains of Supinder Kaur, killed in yesterday's targeted killing by terrorists in Srinagar, being taken for last rites, slogans against "The Resistance Front" (TRF) being raised during the funeral procession in Srinagar pic.twitter.com/UyXfq88wHb
— ANI (@ANI) October 8, 2021
शौकत ने बताया कि शुरू में बताया कि उन्होंने सुपिंदर कौर से कहा था कि वो बच्ची को कहीं रखने में उनकी मदद कर दें, लेकिन उन्होंने अपने वेतन में से 20,000 रुपए मदद की पेशकश कर दी। बाद में वो खुद बच्ची को अपने यहाँ रख कर उसका पूरा खर्च उठाने लगीं और पालन-पोषण करने लगीं। आलोचीबाग में उनका घर था। सुपिंदर कौर का 6 साल का बेटा और 11 साल की बेटी है। कौर के अंतिम संस्कार में सिखों ने न्याय की माँग की।
मुस्लिम पड़ोसी के अनुसार, कौर और उनके पति रामरश सिंह जब भी अपने बच्चों के लिए कुछ खरीदते थे, तो उनके बेटे के लिए भी वो चीज ले आते थे। मुस्लिम पड़ोसी के साथ उनके पति सुबह टहलने भी जाते थे। शौकत ने बताया कि उनके मैनेजर बनने व प्रमोशन के बाद सुपिंदर कौर ने खुश होकर पड़ोसियों में मिठाइयाँ बाँटी थीं, वो उतना करती थीं जितना अपनी बहन भी न करती हो। स्कूल जाने से पहले वो रोज खिड़की खटखटा कर उन्हें बता देती थीं कि वो जा रही हैं।
ताज़ा घटनाओं की बात करें तो 2 अक्तूबर को राजधाइ श्रीनगर के चट्टाबल के रहने वाले माजिद अहमद गोजरी की आतंकियों ने हत्या कर दी। इसी दिन एसडी कॉलोनी बटमालू में मोहम्मद शफी डार को गोलियों से भून डाला गया। 5 अक्टूबर को लोकप्रिय दवा कारोबारी माखन लाल बिंदरू की हत्या हुई। इसके कुछ ही देर बाद बिहार के महादलित चाट विक्रेता वीरंजन पासवान की हत्या हुई। उसी दिन बांदीपोरा में मोहम्मद शफी लोन को मार डाला गया।