Friday, December 6, 2024
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AMU में एक बार फिर गूँजा ‘अल्लाहु अकबर’ और ‘नारा-ए-तकबीर’, जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन: BBC की प्रोपेगंडा डॉक्यूमेंट्री को बताया सही

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जुमे की नमाज के बाद प्रॉक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को सही बताया गया है।

उत्तर प्रदेश की ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)’ में गणतंत्र दिवस के दिन इस्लामी नारे लगाने के कारण एक छात्र को निलंबित किया गया था। निलंबित छात्र के समर्थन में शुक्रवार (3 फरवरी, 2023) को जुमे की नमाज के बाद एक बार छात्रों ने इस्लामिक नारेबाजी की है। हंगामा कर रहे छात्र ‘नारा ए तकबीर’, और ‘अल्लाह हू अकबर’ जैसे नारे लगाते दिखाई दिए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जुमे की नमाज के बाद इस्लामवादी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर वसीम अली को लिखित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में निलंबित छात्र को तत्काल प्रभाव से बहाल करने की माँग की गई।

दरअसल, गणतंत्र दिवस पर वाहिदुज्जमा नामक छात्र और एनसीसी कैडेट ने इस्लामिक नारे लगाए थे। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित कर दिया था। इस निलंबन का विरोध करते हुए छात्रों ने न केवल नारेबाजी की। बल्कि एमएमयू के माहौल को बिगाड़ने की भी कोशिश की।

हालाँकि, इस मामले में पहले यह कहा गया था कि गणतंत्र दिवस पर सिर्फ एक छात्र ने ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाया है। लेकिन बाद में ऐसे वीडियो सामने आए थे जिसमें कुछ अन्य एनसीसी कैडेट्स नारेबाजी कर रहे थे।

इसके अलावा, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जुमे की नमाज के बाद प्रॉक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को सही बताया गया है। इस ज्ञापन ने एएमयू प्रबंधन के उस दावे की पोल खोल कर रख दी है, जिसमें कहा गया था कि कैंपस में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के क्यूआर वाले पोस्टर छात्रों ने नहीं बल्कि बाहरी लोगों ने लगाए हैं।

दरअसल, गुरुवार (2 फरवरी, 2023) को खबर आई थी कि एएमयू कैंपस की दीवारों पर क्यूआर कोड वाले कई पोस्टर चिपकाए गए हैं। इन क्यूआर कोड को स्कैन कर छात्र बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री अपने मोबाइल फोन पर देख सकते हैं। इस घटना का संज्ञान लेते हुए एएमयू प्रॉक्टर ने पोस्टरों को हटाने के आदेश जारी किया था। साथ ही कहा कि पोस्टर बाहरी लोगों द्वारा लगाए गए हैं। इसमें एएमयू के छात्र शामिल नहीं हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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