उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने विवादित और गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया। उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान हुई मौतों और पिछले दिनों देश में आए दो चक्रवातों के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि भाजपा सरकार ने शरीयत में दखल दी है।
सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 7 सालों में भाजपा की सरकार द्वारा ऐसे कानून बनाए गए जिनके द्वारा शरीयत के साथ खिलवाड़ किया गया। नागरिकता कानून बना दिया गया जिसके अनुसार सिर्फ मुस्लिमों को नागरिकता नहीं मिलेगी। ऐसे कानूनों के द्वारा जो नाइंसाफी हुई है उसके कारण देश में हाल ही में दो तूफान आ चुके हैं। कोरोना के रूप में आसमानी आफत भी आई हुई है। कई लोग इस आसमानी आफत के शिकार हुए हैं।
डॉ. हसन ने कहा कि सीएए और एनआरसी के जरिए देश के मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है। सरकार धार्मिक भेदभाव पैदा करने वाले कानून बना रही है। हसन ने कहा कि जब जमीन वाला इंसाफ नहीं करता है तो आसमान वाला इंसाफ करता है और जब आसमान वाला इंसाफ करता है तो कोई इफ या बट नहीं होता।
हसन ने यह भी कहा कि सरकार में गरीबों का कोई हक नहीं है। सरकार पर जो भी हक है सब बड़े और अमीर लोगों का है। आगे सरकार पर हमला करते हुए सपा सांसद हसन ने कहा कि जिस तरह की सरकार और उसके नुमाइंदे हैं, उन्हें यह अंदेशा है कि आगे आने वाले समय में और भी आफत आने वाली हैं।
हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब सपा सांसद एसटी हसन ने कोई विवादित बयान दिया हो। अयोध्या में श्री राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे लोगों पर बयान देते हुए एसटी हसन ने कहा था कि भाजपा खुद ही चंदा माँगने के लिए निकले लोगों पर बिके हुए मुस्लिमों से पथराव करवा सकती है।
इसके पहले भी सपा सांसद हसन ने लोकसभा में तीन तलाक पर रोक से जुड़े बिल पर चर्चा के दौरान एक अनर्गल बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बीवी को गोली मारने या जला कर मार डालने से बेहतर है कि उसे तीन तलाक दे दिया जाए। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सपा सांसद हसन पहले भी हीरोइनों को ‘तवायफ’ बताने को लेकर चर्चा में रह चुके हैं।