जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर की एक मस्जिद से जुमे की नमाज़ के बाद देश विरोधी और आज़ादी के नारे लगाए गए। इस मामले में श्रीनगर पुलिस ने FIR के बाद नारेबाजी करने वालों को लेकर छापेमारी की। बशारत नबी भट नाम का मुख्य आरोपित गिरफ्तार किया गया है और उसका पाकिस्तान कनेक्शन भी खोज लिया गया है। श्रीनगर पुलिस ने कहा:
“विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए और नारेबाजी के लिए भड़काने वाले मुख्य आरोपित बशारत नबी भट को गिरफ्तार कर लिया गया है। कई और संदिग्ध युवकों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इस मामले में अगर उनकी भूमिका सामने आएगी तो उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”
मस्जिद से देश विरोधी नारे के मामले में पुलिस ने पाकिस्तानी एंगल के बारे में भी बताया। पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपित बशारत नबी भट को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों और उनके आकाओं से जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज को बाधित करने के निर्देश मिले थे।
इस नारेबाजी में युवाओं के साथ बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल बताए जा रहे हैं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी है। वीडियो शुक्रवार (8 अप्रैल) का बताया जा रहा है।
Breaking : Srinagar Kashmir : Slogans of Terror Raised again
— Live Adalat (@LiveAdalat) April 8, 2022
Slogans similar to those that were used against Kashmiri Pandits, again raised in Jamia Masjid in Srinagar today after Friday Prayers pic.twitter.com/Vs6vTYSkPA
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद में नारेबाजी करने वालों के खिलाफ पुलिस ने धारा 447 और 124-A के तहत FIR दर्ज कर ली है। यह केस नौहट्टा थाने में दर्ज हुआ है। पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है।
Pro-Azaadi Slogans: J&K Police register FIR against unknown persons under sections 447, 124-A in Nowhatta Police station after Srinagar’s Jama Masjid saw pro-Azaadi chants during Friday prayers [Zee News]
— LawBeat (@LawBeatInd) April 8, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायरल वीडियो नौहट्टा इलाके की जामिया मस्जिद का है। यह इलाका पुराना श्रीनगर भी कहा जाता है। जिस नमाज के बाद इस नारेबाजी का आरोप है, वो रमजान महीने की पहली जुमे की नमाज थी। नारेबाजी मस्जिद के मुख्य हॉल में होना बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि इस मस्जिद में काफी समय तक प्रशासन ने नमाज की अनुमति रोक रखी थी। लगभग 30 हफ्ते बाद 4 मार्च 2022 को यहाँ फिर से नमाज की अनुमति दे दी गई थी। अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रशासन ने किन हालातों में यहाँ नमाज के लिए मना किया होगा!
वायरल क्लिप में ‘हम क्या चाहते… आजादी’ और ‘नारा ए तकबीर, अल्लाहु अकबर, जैसे नारे लगते सुनाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि नारे लगाने वाले लोग रमज़ान के महीने में मीरवाइज उमर फारूक की रिहाई की भी माँग कर रहे थे। मीरवाइज धारा 370 हटने के बाद 5 अगस्त 2019 से अब तक नजरबंद है। इसी के चलते नमाज से पहले यहाँ इमाम हाई सैयद अहमद नक्शबंदी ने उपदेश दिया था।